वह्नि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- टकरायेंगे नक्षत्र-निकर , बरसेगी भू पर वह्नि प्रखर,फण शेषनाग का डोलेगा, विकराल काल मुँह खोलेगा।दुर्योधन! रण ऐसा होगा।
- वह्नि का बेचैन यह रसकोष , बोलो कौन लेगा ? आग के बदले मुझे संतोष ,बोलो कौन देगा?
- रूप का रसमय निमंत्रण या कि मेरे ही रुधिर की वह्नि मुझको शान्ति से जीने न देती .
- वश में नहीं सुरॉ के प्रशमन सहज , स्वच्छ पावक का, ये भोगते पवित्र भोग औरॉ में वह्नि जगाकर!
- टकरायेंगे नक्षत्र-निकर , बरसेगी भू पर वह्नि प्रखर , फण शेषनाग का डोलेगा , विकराल काल मुँह खोलेगा।
- रूप का रसमय निमंत्रण या कि मेरे ही रुधिर की वह्नि मुझको शान्ति से जीने न देती .
- यथा ‘ पर्वतो वह्निमान् धूमात् ' इस अनुमान में पर्वत पक्ष , वह्नि साध्य और धूम हेतु होता है।
- यथा ‘ पर्वतो वह्निमान् धूमात् ' इस अनुमान में पर्वत पक्ष , वह्नि साध्य और धूम हेतु होता है।
- दुर्निवार यह वह्नि , मुग्ध इसकी लौ के इंगित से उठते हैं तूफान और संसार मरा करता है .
- उनके पिताजी श्रीप्रसाद नैपाल , छोटे भाई शिव नैपाल, भतीजे नील बिसुनदत, चचेरे भाई वह्नि कपिलदेव सभी नामी लेखक रहे हैं।