वाक्यार्थ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- और वाक्यार्थ संबंध के द्वारा पुरुष संबंध को पृथक् करने के लिए वाक्याधिकरण की प्रवृत्ति है।
- और वाक्यार्थ संबंध के द्वारा पुरुष संबंध को पृथक् करने के लिए वाक्याधिकरण की प्रवृत्ति है।
- वाक्यों के द्वारा जो बोध ( ज्ञान) होता है उसे वाक्यार्थ बोध या शाब्द बोध कहते हैं।
- भोजदेव के अनुसार गुण , शब्दगत और वाक्यार्थ गत होते हैं और प्रत्येक के चौबीस भेद हैं।
- वाक्यों के द्वारा जो बोध ( ज्ञान) होता है उसे वाक्यार्थ बोध या शाब्द बोध कहते हैं।
- वाक्यपदीय के द्वितीय कांड में विशेष रूप से वाक्य और वाक्यार्थ का विषय प्रस्तुत किया गया है।
- वेद में पद ही वाक्य होते हैं ( पदान्येव वाक्यम्) और पदार्थ ही वाक्यार्थ होता है (वाक्यार्थ: पदार्थ:)।
- प्रथम अवांतर तात्पर्य पदार्थ विषय का प्रतिपादन करता है और महातात्पर्य वाक्यार्थ विषय का प्रतिपादन करता है।
- प्रथम अवांतर तात्पर्य पदार्थ विषय का प्रतिपादन करता है और महातात्पर्य वाक्यार्थ विषय का प्रतिपादन करता है।
- श्रीयंत्र का वाक्यार्थ यही है कि जिसके अर्चन से श्री , धन, लक्ष्मी, यश, समृद्धि में प्राप्त हो।