वायु सेवन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- हेमंत रुतु में त्याज्य - शीतकाल में लघु अन्नपान , तीव्र एवं सहित वायु सेवन, थोडा भोजन, जल में घुले सत्तू का सेवन, ठन्डे पानी का स्नान एवं स्पर्श, खुल्ले में सोना, आदि त्याज्य है |
- वायु स्नान : नंगे सिर-पैर व नंगे शरीर अथवा यथासंभव बहतु कम और ढीले छिद्रयुक्त कपड़े पहनकर खुली हवा में लेटकर या बैठकर या खड़े होकर या टहलकर वायु सेवन करने को वायु-स्नान कहते हैं।
- AMG साइड स्कर्ट और पीछे एप्रन E63 को अधिक आक्रामक स्टाइलिंग प्रदान करते हैं , और कार के सामने वाले हिस्से में बड़े वायु द्वार स्वाभाविक रूप से प्रश्वासित 6.2 लीटर V8 को अधिक वायु सेवन अनुमत करते हैं.
- दैनिक व्यवहार की साधारण क्रियाओं की सामान्य स्मृति मस्तिष्क में पुन : - पुन : जाग्रत् होती रहती है और भोजन , स्नान , वायु सेवन जैसी साधारण बातों की दैनिक स्मृति के अस्तव्यस्त स्वप्न दिखाई देते हैं।
- दैनिक व्यवहार की साधारण क्रियाओं की सामान्य स्मृति मस्तिष्क में पुन : - पुन : जाग्रत् होती रहती है और भोजन , स्नान , वायु सेवन जैसी साधारण बातों की दैनिक स्मृति के अस्तव्यस्त स्वप्न दिखाई देते हैं।
- वायु-सेवन की प्रमुख विधियां तथा रोग निवारण : वायु सेवन की प्रमुख विधियां हैं- वायु भक्षण तथा गहरी लंबी-लंबी सांस , भ्रमण ( टहलना ) एवं भ्रमण प्राणायाम , वायु-स्नान यौगिक बंध प्राणायाम , स्वर योग , सिंहगर्जन व हंसना , संगीत , ध्यान , योग शंख बजाना इत्यादि।
- वायु-सेवन की प्रमुख विधियां तथा रोग निवारण : वायु सेवन की प्रमुख विधियां हैं- वायु भक्षण तथा गहरी लंबी-लंबी सांस , भ्रमण ( टहलना ) एवं भ्रमण प्राणायाम , वायु-स्नान यौगिक बंध प्राणायाम , स्वर योग , सिंहगर्जन व हंसना , संगीत , ध्यान , योग शंख बजाना इत्यादि।
- संध्या के समय जब साईं बाबा वायु सेवन करने के लिए समाधि मंदिर के पास से होकर जा रहे थे , उसी समय श्रीमती खापर्डे बाबा को वहां पर मिलीं और उनसे घर लौटने की अनुमति मांगते हुए , आँखों में आँसू लिए हाथ जोड़कर कांपते हुए स्वर में बोलीं - “ बाबा , मेरा प्रिय पुत्र प्लेग रोग से पीड़ित है , इसलिए मैं घर जाना चाहती हूं | ”
- कुश्ती की घटना के बाद बाबा की जीवनचर्या भी पूरी तरह से बदल गयी थी | अब बाबा का ठिकाना दिन में नीम के पेड़ के नीचे होता जहां पर वे बैठकर अपने स्वरूप ( आत्मा ) में लीन रहते | इच्छा होने पर गांव की मेड़ पर नाले के किनारे एक बबूल के पेड़ की छाया में बैठ जाते थे | संध्या समय बाबा वायु सेवन के लिए स्वेच्छानुसार विचरण करते थे |