विमान विद्या का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यह तथ्य स्पष्ट रूप से इंगित करता है , कि विमान-विद्या से सम्बद्ध आज अनेक पाण्डुलिपियों के विविध कारणों से , अनुपलब्ध होेते हुए भी विमान-निर्माण में निपुण प्राचीन भारतीय शिल्पियों , विमान विद्या विशारदों का निर्माण कौशल असंदिग्ध है।
- यह तथ्य स्पष्ट रूप से इंगित करता है , कि विमान-विद्या से सम्बद्ध आज अनेक पाण्डुलिपियों के विविध कारणों से , अनुपलब्ध होेते हुए भी विमान-निर्माण में निपुण प्राचीन भारतीय शिल्पियों , विमान विद्या विशारदों का निर्माण कौशल असंदिग्ध है।
- इस प्रकार हम कह सकते हैं कि महर्षि भरद्वाज प्रणीत ग्रंथ के विभिन्न अध्यायों में से एक अध्याय पर हुए कुछ प्रयोगों की सत्यता यह विश्वास दिलाती है कि यदि एक ग्रंथ का एक अध्याय ठीक है तो अन्य अध्याय भी ठीक होंगे और प्राचीनकाल में विमान विद्या कपोल-कल्पना न होकर एक यथार्थ थी।
- धातु विज्ञान , विमान विद्या , गणित , काल गणना , खगोल विज्ञान , रसायन शास्त्र , वनस्पति शास्त्र , प्राणि शास्त्र , कृषि विज्ञान , स्वास्थ्य विज्ञान , ध्वनि और वाणी विज्ञान , लिपि विज्ञान सहित विज्ञान के अन्य क्षेत्रों में भारत का क्या योगदान रहा ; इसकी विस्तृत चर्चा , प्रमाण सहित पुस्तक में की गई है।
- धातु विज्ञान , विमान विद्या , गणित , काल गणना , खगोल विज्ञान , रसायन शास्त्र , वनस्पति शास्त्र , प्राणि शास्त्र , कृषि विज्ञान , स्वास्थ्य विज्ञान , ध्वनि और वाणी विज्ञान , लिपि विज्ञान सहित विज्ञान के अन्य क्षेत्रों में भारत का क्या योगदान रहा ; इसकी विस्तृत चर्चा , प्रमाण सहित पुस्तक में की गई है।
- अभी दो तीन वर्ष पूर्व बेंगलूर के वायुसेना के सेवा निवृत्त अभियंता श्री प्रह्लाद राव की इस विषय में जिज्ञासा हुई और उन्होंने अपने साथियों के सहयोग से एक प्रकल्प वैमानिक शास्त्र रीडिसकवर्ड लिया तथा अपने गहन अध्ययन व अनुभव के आधार पर यह प्रतिपादित किया कि इस ग्रंथ में अत्यंत विकसित विमान विद्या का वर्णन मिलता है ।
- इस प्रकार हम कह सकते है कि महर्षि भरद्वाज प्रणीत ग्रंथ के विभिन्न अध्यायों में से एक अध्याय पर कुछ प्रयोंगों की सत्यता यह विश्वास दिलाती है कि यदि एक ग्रंथ का एक अध्याय सही है तो अन्य अध्याय भी सही होंगे और प्राचीन काल में विमान विद्या कपोल कल्पना न होकर एक यथार्थ था इस का विश्वास दिलाती है ।
- भृगु , वशिष्ठ , भारद्वाज , आत्रि , गर्ग , शौनक , शुक्र , नारद , चाक्रायण , धुंडीनाथ , नंदीश , काश्यप , अगस्त्य , परशुराम , द्रोण , दीर्घतमस , कणाद , चरक , धनंवतरी , सुश्रुत पाणिनि और पतंजलि आदि ऐसे नाम हैं ; जिन्होंने विमान विद्या , नक्षत्र विज्ञान , रसायन विज्ञान , अस्त्र-शस्त्र रचना , जहाज निर्माण और जीवन के सभी क्षेत्रों में काम किया।
- वेदों में आत्म ज्ञान , श्रष्टि-ज्ञान के साथ-साथ उपासना विधि , कर्मकांड विधि , गणित , ज्योतिष ( नक्षत्र , ग्रह , तारों के बारे में न की फलित ज्योतिष जैसा की आज कल के ढोंगी लोग बताते हैं ) , प्रकाश , पदार्थ विज्ञान आदि के अलावा गुरुत्व ज्ञान , नौकाविज्ञान , विमान विद्या आदि समस्त प्रकार के ज्ञानो का उल्लेख है जो कि मनुष्य जीवन के लिए आवश्यक हैं .
- वेदों में आत्म ज्ञान , श्रष्टि-ज्ञान के साथ-साथ उपासना विधि , कर्मकांड विधि , गणित , ज्योतिष ( नक्षत्र , ग्रह , तारों के बारे में न की फलित ज्योतिष जैसा की आज कल के ढोंगी लोग बताते हैं ) , प्रकाश , पदार्थ विज्ञान आदि के अलावा गुरुत्व ज्ञान , नौकाविज्ञान , विमान विद्या आदि समस्त प्रकार के ज्ञानो का उल्लेख है जो कि मनुष्य जीवन के लिए आवश्यक हैं .