विहँसता का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- हुक्मराँ देखते हैं दिल्ली से , चमकता भारत मगर अवाम की नज़रों में, तड़पता भारत देश में है जम्हूरियत, फक्र भी मुझको हादसे और धमाकों में, सिसकता भारत किसी के जान की कीमत क्या कौन कह सकता घोषणा कर मुआवजे की, विहँसता भारत किसी का मसला यही है कि वो खाएं क्या क्या अहम सवाल कि खाएं क्या, उलझता भारत इसी चमन में एक इण्डिया एक भारत भी सुमन है कारण चूहे घर के, पिछड़ता भारत
- “हुक्मराँ देखते हैं दिल्ली से” हुक्मराँ देखते हैं दिल्ली से चमकता भारत मगर अवाम की आँखों में सिसकता भारत जम्हूरियत सबसे बड़ा मेरा फक्र भी मुझको हादसे और धमाकों में तड़पता भारत किसी के जान की कीमत क्या कौन कह सकता घोषणा कर मुआवजे की विहँसता भारत किसी का मसला ये है कि खाएं क्या क्या अहम सवाल कि खाएं क्या उलझता भारत एक इण्डिया है चमन में एक भारत भी सुमन है कारण चूहे घर के पिछड़ता भारत
- रहा विहँसता नभ में चन्दाऔर यहाँ तेरी मुख-मुद्रा-देख हमारे हृदय-कमल मेंआनंद अमित , उल्लास समाया !तुम आए, नवजीवन आया !!रात-रात भर नानी करतीं बहुत-बहुत-सा प्यार,दूरभाष पर मौसी देतींमीठी-सी पुचकार !मौसीजी ने छूकर तेरेकोमल-कोमल गाल,आनंदित हो चूम लिया हैतेरा उन्नत भाल !चित्र तुम्हारे ले चाचाजी चले गए निज ग्राम,जहाँ तुम्हारे दादी-दादा करते हैं विश्राम !उसी गॉंव में रहती जो-बहुत वृद्ध परदादी,पाकर यह संवाद आज,उनका भी हृदय जुड़ाया !तुम आए, नवजीवन आया !!मेरी बेटी, तेरी माता नेसहकर कष्ट अनेक,तुझको जीवन दिया, रहा फिरउसे न कोई क्लेश ।
- हुक्मराँ देखते हैं दिल्ली से हुक्मराँ देखते हैं दिल्ली से , चमकता भारत मगर अवाम की नज़रों में, तड़पता भारत देश में है जम्हूरियत, फक्र भी मुझको हादसे और धमाकों में, सिसकता भारत किसी के जान की कीमत क्या कौन कह सकता घोषणा कर मुआवजे की, विहँसता भारत किसी का मसला यही है कि वो खाएं क्या क्या अहम सवाल कि खाएं क्या, उलझता भारत इसी चमन में एक इण्डिया एक भारत भी सुमन है कारण चूहे घर के, पिछड़ता भारत जेल में खाएं खिचडी चोखा अब तिहाड़ में कितने मंत्री बतियाते आपस में संतरी