वेश्यागामी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मुहम्मद के साथियों में कई तरह के लोग थे , जिनमे , ईर्ष्यालु , रिश्वत लेने देने वाले , वेश्यागामी , गंदे , और ऐसे लोग भी थे , जो औरतों पर बुरी नजर रखते थे .
- , जिस प्रकार हरे धान का लोभी सांड बार बार एक ही खेत में घुस जाता हैं वेश्यागामी पुरूष और जुआरी अपने व्यसन नहीं छोड सकते है, उसी प्रकार मैं भी अपने स्वामी को नहीं छोड सकता हूं ।
- मेष में - शुक्र हो तो जातक रात्रि में अल्पदृष्टि वाला , विरोध में तत्पर , अशांत , ईर्ष्यालु , वेश्यागामी , अविश्वासी , चोर , नीच प्रकृति का व स्त्री के कारण बंधन में जाने वाला होता है |
- मेष में - शुक्र हो तो जातक रात्रि में अल्पदृष्टि वाला , विरोध में तत्पर , अशांत , ईर्ष्यालु , वेश्यागामी , अविश्वासी , चोर , नीच प्रकृति का व स्त्री के कारण बंधन में जाने वाला होता है |
- हर तरह की आवश्यकता वाले लोग बेरोक-टोक जा सकेंगे और तब कम से कम वह तनाव तो दिमाग में नहीं रहेगा जिससे कोई अपराधी या असामाजिक कहलाता है ध्यान यह भी रखना होगा कि वेश्यागामी को भी सामाजिक निन्दा का शिकार न बनाया जा ए .
- इसके साथ ही उन्हें तमाम किस्से सुनाए जाते हैं . .. ' सीता के त्याग के . ' .. ' शिव को पाने के लिए पार्वती की तपस्या के ' .... ' कुंती के अनजाने में ही कह देने पर पांच पतियों में बंट जाने वाली द्रौपदी के ' ... ' उन पतिव्रताओं के जो वेश्यागामी ..
- अब प्रश्न उठता है कि अजामिल जैसा शुद्ध ब्रह्मण भी वेश्यागामी हो गया , विल्वमंगल भी चिंतामणि नाम की वेश्या के वश में हो गए तो इनका इस जीवित अवस्था में ही पतन कैसे हो गया?इसका समाधान ये है कि उन लोगों का पतन हो गया ऐसा दीखता है मगर वास्तव में उनका पतन नही उद्धार ही हुआ है।
- अब प्रश्न उठता है कि अजामिल जैसा शुद्ध ब्रह्मण भी वेश्यागामी हो गया , विल्वमंगल भी चिंतामणि नाम की वेश्या के वश में हो गए तो इनका इस जीवित अवस्था में ही पतन कैसे हो गया ? इसका समाधान ये है कि उन लोगों का पतन हो गया ऐसा दीखता है मगर वास्तव में उनका पतन नही उद्धार ही हुआ है।
- सच्चे अर्थों में सभ्य और खुले दिमाग वाले लोगों के समाज में किसी पुरुष को वेश्या की जरुरत नहीं पड़ती , जन्मपत्री , जाति आदि अवैज्ञानिक आधारों पर हुए बेमेल विवाह पुरुषों को वेश्यागामी बनाते हैं और मालूम होना चाहिए कि इस देश में जितनी लड़कियाँ इस अँधेरी दल-दल में फंसी हुई हैं वे स्वेच्छा से नहीं फंसी हैं , गरीब-मजदूर की . Click to view comment
- हो सकता है प्रकाश की तरह रचना का पति भी दूसरो की पत्नियो को “ प्यार ” बाँटना चाहता हो पर वह नागर साहब की नज़र मे वेश्यागामी हुआ ? ? .... जबकि यही काम प्रकाश करे तो नागर साहब उसकी तारीफ मे ब्लॉग लिख डालते है ?? .... विष भाई , हम रचना के पति की तारीफ नही कर रहे थे बल्कि प्रकाश और उसे एक पलड़े मे रख रहे थे जिसे आप गलत समझ गये ....