व्यतीपात का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आगे के छह श्लोकों में योग , व्यतीपात, केंद्रभगण और बार्हस्पत्य वर्षों की परिभाषा दी गई है तथा अनेक प्रकार के मासों, वर्षों और युगों का संबंध बताया गया है।
- सिंह राशि के बृहस्पति होने पर तथा व्यतीपात और दण्डयोग में गोदावरी स्नान से जिस फल की प्राप्ति होती है , वही फल भगवान श्रीकृष्ण के पूजन से भी मिलता है ।
- जब शुक्ल पक्ष की द्वादशी को चन्द्र हस्त नक्षत्र में होता है , सूर्य मेष में , बृहस्पति एवं मंगल सिंह में होते हैं तो उस योग को व्यतीपात कहते हैं।
- वास्तु पुरुष का जन्म भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की तृतीया तिथि , शनिवार , कृतिका नक्षत्र , व्यतीपात योग , विष्टि करण , भद्रा के मध्य में , कुलिक मुहूर्त में हुआ।
- वास्तु पुरुष का जन्म भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की तृतीया तिथि , शनिवार , कृतिका नक्षत्र , व्यतीपात योग , विष्टि करण , भद्रा के मध्य में , कुलिक मुहूर्त में हुआ।
- यह है - ज्येष्ठ माह , शुक्ल पक्ष , दशमी , बुध , हस्त नक्षत्र , व्यतीपात योग , गर , आनन्द , वृष राशि में रवि और कन्या राशि में चन्द्र की स्थिति।
- यह है - ज्येष्ठ माह , शुक्ल पक्ष , दशमी , बुध , हस्त नक्षत्र , व्यतीपात योग , गर , आनन्द , वृष राशि में रवि और कन्या राशि में चन्द्र की स्थिति।
- जब अमावस्या रविवार को होती है और चन्द्र उस दिन श्रवण नक्षत्र में या अश्विनी , धनिष्ठा , आर्द्रा में या आश्ला के प्रथम चरण में होता है तो उस योग को व्यतीपात कहते हैं।
- योग सत्ताइस है उनके नाम इस प्रकार है- विषकुम्भ प्रीति आयुष्मान सौभाग्य शोभन अधिगण्ड सुकर्मा धृति शूल गण्ड वृद्धि ध्रुव व्याघात हर्षन वज्र सिद्धि व्यतीपात वरीयान परिध शिव सिद्ध साध्य शुभ शुक्ल ब्रह्म एन्द्र तथा वैधृति।
- कूर्म पुराण [ 306 ] का कथन है कि काम्य श्राद्ध ब्राह्मणों के समय , सूर्य के अयनों के दिन एवं व्यतीपात पर करने चाहिए , तब वे ( पितरों को ) अपरिमित आनन्द देते हैं।