शत्रुहन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- दुर्ग- ! -राष्ट्रीय शाकाहार दिवस पर शीतला स्टेडियम बैगापारा में सोमवार को मानवता के परिप्रेक्ष्य में शाकाहार विषय पर खुली परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें जयप्रकाश जैन, गोपी यादव, राकेश मिश्रा, रामकुमार सोनी, प्रमोद श्रीवास्तव, महेश गुप्ता, मोहनलाल, शत्रुहन सोनी, विक्की चंद्राकर, सुनील, माधोसिंह राजपूत व अन्य लोगों ने विचार रखे।
- रात्रि में आदर्श विवाह का कार्यक्रम रखा गया जिसमे एक जोड़े परिणय सूत्र में बंधे , आदर्श विवाह के समस्त खर्च को श्री शत्रुहन सिंह भुवाल दुर्ग के द्वारा वहन कर एक आदर्श मिशाल प्रस्तुत किया गया , महासभा उनके इस पुनीत कार्य के लिए बधाई एवं धन्यवाद ज्ञापित करता है .
- भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं सांसद शत्रुहन सिन्हा ने टाण्डा विधानसभा प्रत्याशी शिवपूजन वर्मा के समथ्रन में विशाल जनसभा को भाजपा संबोधित करते हुए कहा कि अगर आपको अच्छा लगता है कि भाजपा ने अच्छा किया है तो भाजपा के प्रत्याशी शिवपूजन वर्मा को कम के फूल के सामने लगे बटन को दबाए।
- अब उन्हें उपनिवेशाकांक्षी रावण के साम्राज्यवादी समझबूझ के विरुद्ध युद्ध छेड़ने का मार्ग तो मिल गया था , किन्तु जब तक बाली- रावण friendly aliance था लंका पर आक्रमण करना एक बड़ी मूर्खता थी , यद्यपि अयोध्या में शत्रुहन के नेतृत्व में समस्त आर्यावर्त की सेना उन की सहायता के लिए तैयार खडी थी .
- उन्होंने बताया कि मीटर रीडर भुनेश्वर सिन्हा का 40 हजार , भास्कर राव 25 हजार, जितेंद्र खरे 35 हजार, संतोष कुमार 72 हजार, हेमलाल 65 हजार, विनोद नषाद 81 हजार, यशवंत 81 हजार, रामजी 44 हजार, शत्रुहन 44 हजार, रमेश साहू 30 हजार, कृपाशंकर 35 हजार, घनश्याम चंद्राकर 49500, दिनेश कदम 35 हजार रुका हुआ है।
- २ = सीता , मांडवी , उर्मिला व श्रुतिकीर्ति -राजा जनक की चार कन्याएं थी जो क्रमश : राम , भरत , लक्ष्मण व शत्रुहन को ब्याही गईं थी | जन श्रुति के अनुसार -सीता जनक की पालिता कन्या , उर्मिला जनक की पुत्री व मांडवी और श्रुतिकीर्ति महाराजा जनक के छोटे भ्राता की पुत्रियाँ थीं | ...
- भास्कर न्यूज- ! - भाटापारानगर के हथनीपारा वार्ड भाटापारा के रूपेश मिश्रा के निवास स्थान में चले रही श्रीमद भागवत महापुराण कथा के आज तीसरे दिन कथा वाचक पंडित शत्रुहन प्रसाद पाण्डेय मनोहरा वाले ने कपिल अवतार की कथा सुनाते हुए संत समुदाय को बताया कि प्रेम करो भगवान से व जगत से व्यवहार करना चाहिए, किंतु इस जगत में मनुष्य उल्टा ही करते नजर आते हैं जगत से मनुष्य प्रेम करता है और भगवान से केवल व्यवहार करता है ।
- भास्कर न्यूज- ! - भाटापारा नगर के हथनीपारा वार्ड भाटापारा के रूपेश मिश्रा के निवास स्थान में चले रही श्रीमद भागवत महापुराण कथा के आज तीसरे दिन कथा वाचक पंडित शत्रुहन प्रसाद पाण्डेय मनोहरा वाले ने कपिल अवतार की कथा सुनाते हुए संत समुदाय को बताया कि प्रेम करो भगवान से व जगत से व्यवहार करना चाहिए, किंतु इस जगत में मनुष्य उल्टा ही करते नजर आते हैं जगत से मनुष्य प्रेम करता है और भगवान से केवल व्यवहार करता है ।
- इसी लिए राम ने जब अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया तो उन्हें लव-कुश के नेतृत्व में भारी जन आक्रोश का सामना करना पडा और युद्ध में भीषण पराजय के बाद जब राम , भारत और शत्रुहन बंदी बनाये जा कर सीता के सम्मुख पेश किये गए तो सीता को जहाँ साम्राज्यवादी -विस्तारवादी राम की पराजय की तथा लव-कुश द्वारा नीत लोकतांत्रिक शक्तियों की जीत पर खुशी हुई वहीं मानसिक विषाद भी कि , जब राम को स्वयं विस्तारवादी के रूप में देखा .