सन्धिवात का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- लकवा ( पक्षाघात ) जोड़ो में वायु का दर्द या सन्धिवात - उबले हुए ज्वार के दोनो को पीसकर कपड़छन करके रस निकाल ले।
- उपवास- सभी पेट के रोग , श्वास , आमवात , सन्धिवात , त्वक विकार , मेदो वृद्धि आदि में विश् ोष उपयोग होता है।
- उपवास- सभी पेट के रोग , श्वास , आमवात , सन्धिवात , त्वक विकार , मेदो वृद्धि आदि में विश् ोष उपयोग होता है।
- रूमेटिक , संधिशोथ , गठिया ( आमवात व सन्धिवात ) , माइग्रेन , सर्वाइकल स्पोंटोलाइटिस , श्वास , अस्थमा , कैंसर आदि रोग इसी कोटि में रखे जाते हैं।
- यह पेट के कीड़े , दर्द , जोड़ों के दर्द ( सन्धिवात ) , पेट में वायु की गांठ , कमर का दर्द और शारीरिक पीड़ा को दूर करती है।
- सन्धिवात के लक्षण हाथ व पैरों की अंगुलियों के जोड़ों , टखनों व घुटनों में सूजन होना, अकड़ आना और सुई चुभने जैसी पीड़ा होना इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
- यह रोग विशेष रूप से गठिया या सन्धिवात के रोगी में अपच उत्पन्न होने पर अर्थात खाई हुई चीजों को ठीक से न पचा पाने के कारण हो सकता है।
- आयुर्वेद में भी इन तीनों ( वायु कफ-पित्त ) के बिगड़ने से ही सन्धिवात की बीमारी कहा है सो तुलसीदास जी ने कहा है ये ही तीनों दु : खदायक हैं।
- हानिकारक : टमाटर का उपयोग आमवात , अम्लपित , सन्धिवात ( जोड़ों के दर्द ) , सूजन और पथरी के रोगियों को नहीं करना चाहिए क्योंकि यह उनके लिये हानिकारक होता है।
- हानिकारक : टमाटर का उपयोग आमवात , अम्लपित , सन्धिवात ( जोड़ों के दर्द ) , सूजन और पथरी के रोगियों को नहीं करना चाहिए क्योंकि यह उनके लिये हानिकारक होता है।