सवन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- चतुर्थ प्रपाठक में पूर्वक्रम का अनुवरृतन करते हुए एकाह के तृतीय सवन का निरूपण करने के अनन्तर षोडशियाग का विधान है।
- वे ' अ ' कार , गार्हपत्य अग्नि-भू रजोगुण , ऋग्वेद , क्रियाशक्ति , पृथ्वी , धर्म , प्रातः सवन हैं।
- कण्ठ स्थान के मध्यम स्वर को मध्यन्दिन सवन और शिर स्थान के तार स्वर को उदात्त या सायं सवन कहते हैं।
- कण्ठ स्थान के मध्यम स्वर को मध्यन्दिन सवन और शिर स्थान के तार स्वर को उदात्त या सायं सवन कहते हैं।
- नाभि से उठकर कण्ठ से टकराता हुआ मुख से निकलता है तो मध्यम स्वर होता है ( मध्यन्दिन सवन ) ।
- कण्ठ स्थान के मध्यम स्वर को मध्यन्दिन सवन और शिर स्थान के तार स्वर को उदात्त या सायं सवन कहते हैं।
- कण्ठ स्थान के मध्यम स्वर को मध्यन्दिन सवन और शिर स्थान के तार स्वर को उदात्त या सायं सवन कहते हैं।
- दूसरी रेखा के देवता महेश्वर हैं जो ' उ ' कार दक्षिणाग्नि आकाश , सत्वगुण , यजुर्वेद माध्यन्दिन सवन इच्छाशक्ति , अन्तरात्मा हैं।
- उसका कहना था कि वह कथित रूप से पैगंबर मुहम्मद का अपमान कर ईशनिंदा करने वाले सवन मसीह की तलाश कर रहा है।
- वायु नाभि से उठकर उर स्थान से टकराकर मुख से निकलता है , तब मन्द्र स्वर निकलता है ( प्रात : सवन ) ।