सिरजन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- स्रष्टा ने इस संसार को वणिक के हाट की भाँती पसार रखा है - ' जैसे बनिया हाट पसारा , सब जग का सो सिरजन हारा ' और कबीर इस हाट में खड़े कर दिए गए हैं .
- / एक जोति तै सब उपजा कौन ब्राहमन कौन सूदा।/.../एकै पवन एक ही पानी एक जोति संसारा/एक ही खाक घडे सब भाँडा एक हील सिरजन हारा।/.../इनमें आप आप सबहिन में आप आप सुखेलै/नाना भाँति गढे+ सब भाँडे रूप धरै हरि मेलै।
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- और भी कई रोचक खेल खेलाए अब्दुल भाई ने . उसके बाद सिरजन का औपचारिक उद्घाटन करते हुए इलाहाबाद के प्रख्यात सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता जिया भाई ने गंगा-जमुनी तहज़ीब के बारे में बताया और इस बात पर ज़ोर दिया कि युद्ध और वैमनस्य किसी भी दौर में लोकप्रिय नहीं रहे हैं.
- / एक जोति तै सब उपजा कौन ब्राहमन कौन सूदा।/.../एकै पवन एक ही पानी एक जोति संसारा/एक ही खाक घडे सब भाँडा एक हील सिरजन हारा।/.../इनमें आप आप सबहिन में आप आप सुखेलै/नाना भाँति गढे+ सब भाँडे रूप धरै हरि मेलै।”गौर करने पर अज्ञात नहीं रहेगा कि कबीर काल-विवेक के समुच्चय थे।
- कार्यक्रम में भिलाई से पधारे साहित् यिक संस् था सिरजन के प्रांतीय अध् यक्ष श्री लोकनाथ साहू तथा संयोजक श्री दुर्गा प्रसाद पारकर , राजनांदगाँव से पधारे श्री चन् द्रश् ोखर शर्मा , साकेत साहित् य परिषद् के सभी सदस् यों सहित बड़ी संख् या में साहित् यानुरागी एवं ग्रामीणजन उपस् थित थे।
- शहरजाद ने कहानी जारी रखते हुए कहा कि इतना वृत्तांत बताने के बाद काले द्वीपों के बादशाह ने दोनों हाथ आकाश की ओर उठाए और बोला , ' हे सर्वशक्तिमान परमात्मा , हे समस्त विश्व के सिरजन हार , यदि तेरी प्रसन्नता इसी में है कि मुझ पर इसी प्रकार अन्याय और अत्याचार हुआ करे तो मैं इस बात को भी प्रसन्नता से सहूँगा।
- आसपास घटती रहती हैं , उल्लेख की दृष्टि से अनिवार्य घटनाएँ , हिन्दी का साहित्य-सर्जक ‘ खबर ' को साहित्यिक रूप में रखने में तौहीन सा समझता है , तब तो और जब खबरिया चैनलों ने खबर का मतलब बिगाड़ के रख दिया हो , अब तो हिन्दी में कोई नागार्गुन भी नहीं जो इसे चुनौती समझ निभा डाले , खबर को संवेदना की सिरजन दे ..
- सीधे-सीधे लोक और लोक संस्कृति से आए कुछ शब्दों का उल्लेख यहां अप्रासंगिक नहीं होगा - तार सप्तक और अभी बिल्कुल अभी संग्रह में आए उल्लेखनीय लोक शब्द हैं - बिछल , बौर , छुअन , निहाई , टूक-टूक , दुधिया , छिन-छिन , छूंछा-छूंछा , दुपहरिया , झुर-झुर , गमक , फागुल , पाहुन , छलिया , सिरजन , पात , बाट , ढरे , पछुवा , पुरवा , ठनकी , पण्डूक , सिराए , भिनसारे , ठार , गड़ेर , कड़कन , कसकन इत्यादि।
- सीधे-सीधे लोक और लोक संस्कृति से आए कुछ शब्दों का उल्लेख यहां अप्रासंगिक नहीं होगा - तार सप्तक और अभी बिल्कुल अभी संग्रह में आए उल्लेखनीय लोक शब्द हैं - बिछल , बौर , छुअन , निहाई , टूक-टूक , दुधिया , छिन-छिन , छूंछा-छूंछा , दुपहरिया , झुर-झुर , गमक , फागुल , पाहुन , छलिया , सिरजन , पात , बाट , ढरे , पछुवा , पुरवा , ठनकी , पण्डूक , सिराए , भिनसारे , ठार , गड़ेर , कड़कन , कसकन इत्यादि।