सेचन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मुने ! जो प्रतिदिन दर्शन , स्पर्श , ध्यान , नाम-कीर्तन , स्तवन , अर्पण , सेचन , नित्यपूजन तथा नमस्कार के द्वारा तुलसी में नव प्रकार की भक्ति करते हैं , वे कोटि सहस्र युगों तक पुण्य का विस्तार करते हैं।
- मुने ! जो प्रतिदिन दर्शन , स्पर्श , ध्यान , नाम-कीर्तन , स्तवन , अर्पण , सेचन , नित्यपूजन तथा नमस्कार के द्वारा तुलसी में नव प्रकार की भक्ति करते हैं , वे कोटि सहस्र युगों तक पुण्य का विस्तार करते हैं।
- कृत्रिम वीर्य सेचन उत्कृष्ट नस्लों के नर पशु के वीर्य को एकत्र कर उसका तनूकरण करके द्रव्य नाइट्रोजन में १९६° से० पर भंडारित करना तथा निम्न कोटि की नस्लवाली मादाओं का सेचन इस वीर्य से करना कृत्रिम वीर्य सेचन या आर्टिफीशियल इन्सेमिनेशन कहलाता है।
- कृत्रिम वीर्य सेचन उत्कृष्ट नस्लों के नर पशु के वीर्य को एकत्र कर उसका तनूकरण करके द्रव्य नाइट्रोजन में १९६° से० पर भंडारित करना तथा निम्न कोटि की नस्लवाली मादाओं का सेचन इस वीर्य से करना कृत्रिम वीर्य सेचन या आर्टिफीशियल इन्सेमिनेशन कहलाता है।
- कृत्रिम वीर्य सेचन उत्कृष्ट नस्लों के नर पशु के वीर्य को एकत्र कर उसका तनूकरण करके द्रव्य नाइट्रोजन में १९६° से० पर भंडारित करना तथा निम्न कोटि की नस्लवाली मादाओं का सेचन इस वीर्य से करना कृत्रिम वीर्य सेचन या आर्टिफीशियल इन्सेमिनेशन कहलाता है।
- जब शकुन्तला वृक्ष - सेचन के विना जल नहीं ग्रहण करती , पुष्पप्रेमी होते हुए भी पुष्पों को नहीं तोड़ती एवं जब पृथ्वीसूक्त का ऋषि कहता है कि ‘ माताभूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्या ' तो वहाँ कण - कण में जीवन की ही भावना अन्तर्भूत होती है।
- जब शकुन्तला वृक्ष - सेचन के विना जल नहीं ग्रहण करती , पुष्पप्रेमी होते हुए भी पुष्पों को नहीं तोड़ती एवं जब पृथ्वीसूक्त का ऋषि कहता है कि ‘ माताभूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्या ' तो वहाँ कण - कण में जीवन की ही भावना अन्तर्भूत होती है।
- छत्ता लैंडिंग बोर्ड पर पराग के साथ लोड में आ foragers परागण [ संपादित स्रोत | संपादित बीटा ] मुख्य लेख : परागण प्रबंधन और मधुमक्खियों द्वारा परागण फसल पौधों की सूची की प्रजाति एपिस generalist पुष्प आगंतुकों हैं , और पौधों की एक विशाल विविधता सेचन जाएगा , लेकिन कोई से मतलब है सभी पौधों .
- सामान्यत : प्राकृतिक रूप से नए जीव की उत्पत्ति नर के शुक्राणु द्वारा नि : सेचन के बाद मादा डिम्ब से ही होती है , फलत : उसमें नर एवं मादा दोनो के ही गुण आते हैं , इस खबर ने सारी दुनिया में हलचल मचा दी और वैज्ञानिकों में तरह-तरह के जीव-जन्तुओं की सामान्य शारीरिक कोशिकाओं से प्रतिकृति बनने की होड़ सी लग गई।
- सामान्यत : प्राकृतिक रूप से नए जीव की उत्पत्ति नर के शुक्राणु द्वारा नि : सेचन के बाद मादा डिम्ब से ही होती है , फलत : उसमें नर एवं मादा दोनो के ही गुण आते हैं , इस खबर ने सारी दुनिया में हलचल मचा दी और वैज्ञानिकों में तरह-तरह के जीव-जन्तुओं की सामान्य शारीरिक कोशिकाओं से प्रतिकृति बनने की होड़ सी लग गई।