सेवनीय का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- के जिस धम-निवास स्थान के बीच में , मोती व माणिक्य आदि श्रेश् रत्नों द्वारा एक साल वृक्ष ;या स्तम्भद्ध की रचना की गई है, और उस स्थान के चारों ओर या प्रत्येक दिशा में, बहुमूल्य रत्नों से रचित दिक्पालों के भवन विराजमान हैं, और जगज्जननी पार्वती जी की सेवा में संलग्न जो यक्षानायें व अप्सरायें हैं, उनसे समादरणीय या सेवनीय उद्यानों से जो शिव धम व्याप्त है।
- इसके अलावा इस ऋतु मे लघु और रुक्ष आहार लाभकारी होता है जैसे की - पूराने अन्न जौ , पूराना चावल, बजारा, मूंग, कूल्थी , अरहर, पालक, बैंगन, सहिजन , मेथी , परवर, लहसून, अदरख, प्याज, मूली , गाजर, हल्दी, अनारदाना, पेठा, बकरी काअ दूध, कड़ी, बकरे का मांस, सूखी मछलियां, तन्दुरी चिकन, केदड़ा, अदरख सिद्ध जल, अजवायन, जीरा, कालीमिर्च, सरसों इलायची और शहद सदा ही सेवनीय होती हैं ।
- यों को दूर करने में कुशल हैं , विद्यारूपी वनस्पति सस्य के पफलोदय के लिए सन्तों द्वारा सेवनीय हैं, भत्तफों की इच्छानुसार रूप को धरण करने वाले हैं, नाचते हुए मनरूपी मयूर के लिए आप पर्वत स्वरूप हैं, अर्थात् मयूर जिस प्रकार पर्वत व शाखा का अवलम्बन कर मेघ को देखते ही नाचता है, उसी प्रकार भत्तफ भी आपका अवलम्बन लेकर या आपके नीलकन्ध्र को देखकर प्रसता से नाचता है।
- यह कथा सुनकर संजीवक कहने लगा , ' मित्र ! इसी प्रकार आपका यह राजा भी क्षुद्र प्राणियों से आवृत्त है | वह भद्र पुरुषों द्वारा सेवनीय नहीं है | मैं इस बात को भली भांति जान गया हूं | ऐसा प्रतीत होता है कि किसी दुष्ट सभासद के कान भरने के कारण वह मुझसे रुष्ट हुआ है | ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए , कृपया आप ही बताईए | '
- हे नीलकन्ध्र ! आप करुणा - दया - रूपी अमृत की वर्षा करने वाले हैं , महाविपत्तियों को दूर करने में कुशल हैं , विद्यारूपी वनस्पति सस्य के पफलोदय के लिए सन्तों द्वारा सेवनीय हैं , भत्तफों की इच्छानुसार रूप को धरण करने वाले हैं , नाचते हुए मनरूपी मयूर के लिए आप पर्वत स्वरूप हैं , अर्थात् मयूर जिस प्रकार पर्वत व शाखा का अवलम्बन कर मेघ को देखते ही नाचता है , उसी प्रकार भत्तफ भी आपका अवलम्बन लेकर या आपके नीलकन्ध्र को देखकर प्रसता से नाचता है।