सेव्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- तुलसीदासजी ने रामचरितमानस में स्पष्ट शब्दों में दास्य भाव की भक्ति प्रतिपादित की है - सेवक सेव्य भाव , बिनु भव न तरिय उरगारि।
- रूप गोस्वामी पाद द्वारा प्रदत्त जीव गोस्वामी पाद के सेव्य श्रीराधा दामोदरजी की प्रतिष्ठा संवत 1599 विक्रमी सन् 1543 माघ शुक्ल दशमी में की गई।
- अत : शिक्षा में समवाय निष्ठापूर्वक सेव्य है जिसका एक कारगर उपाय समवाय की पारस्परिक प्रणाली के रूप में इस लेख में सुझाया गया है।
- वेदांती लोग जिसे ब्रह्म कहते हैं , जो [[ ब्रह्मा ]] का सेव्य है , सदाशिव जिसका ध्यान किया करते हैं , वही कृष्ण हैं।
- रूप गोस्वामी पाद द्वारा प्रदत्त जीव गोस्वामी पाद के सेव्य श्रीराधा दामोदरजी की प्रतिष्ठा संवत 1599 विक्रमी सन् 1543 माघ शुक्ल दशमी में की गई।
- इस मार्मिक दृश्य को प्रस्तुत करते हुए महात्मा तुलसीदास जी कहते हैं : - यह बिधि पद पंकज सेव्य रमा , अज शिरनभि दोउ कर जोरि रहीं।
- सदगुरू ही गोविन्द से मिलाते हैं , वे ही शिष्य के दुःखों का पूर्णतया हरण करते हैं इसीलिए शिष्य की दृष्टि में सदगुरू ईश्वर से बढ़कर सेव्य हैं।
- यही सृष्टि का नियम था , लेकिन आज राजा और प्रजा में भोक्ता और भोग्य का सम्बंधा नहीं है , अब सेवक और सेव्य का सम्बंधा है।
- इधर बेतवा तट पर श्री व्यास जी अपने सेव्य ठाकुर श्रीयुगलकिशोरजी के समक्ष भावातिरेक के नृत्य-कीर्तन करते और मधुकर शाह सपत्नीक इस कार्यक्रम में सम्मिलित होते थे।
- सदगुरू ही गोविन्द से मिलाते हैं , वे ही शिष्य के दुःखों का पूर्णतया हरण करते हैं इसीलिए शिष्य की दृष्टि में सदगुरू ईश्वर से बढ़कर सेव्य हैं।