सोमयाग का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कर्मांग श्राद्धः आने वाली संतति के लिए गर्भाधान , सोमयाग, सीमान्तोन्नयन आदि जो संस्कार किये जाते हैं, उन्हें कर्मांग श्राद्ध कहते हैं।
- कर्मांग श्राद्धः आने वाली संतति के लिए गर्भाधान , सोमयाग, सीमान्तोन्नयन आदि जो संस्कार किये जाते हैं, उन्हें कर्मांग श्राद्ध कहते हैं।
- हम प्रातःकाल यज्ञ प्रारम्भ करते समय मध्याह्नकालीन सोमयाग प्रारम्भ होने पर तथा सांयकाल यज्ञ की समाप्ति पर भी सोमरस पीने के
- संपूर्ण सामवेद में सोमरस , सोमदेवता , सोमयाग, सोमपान का महत्व अंकित है इसलिए इसे सोमप्रधान वेद भी कहा जाता है ।
- संपूर्ण सामवेद में सोमरस , सोमदेवता , सोमयाग, सोमपान का महत्व अंकित है इसलिए इसे सोमप्रधान वेद भी कहा जाता है ।
- राजसूययाग में राजा का यागगत पेय सोम नहीं है , जबकि ऐतरेय ब्राह्मण के मुख्य विषय सोमयाग के अन्तर्गत पेयद्रव्य सोम है।
- कर्मांग श्राद्धः आने वाली संतति के लिए गर्भाधान , सोमयाग , सीमान्तोन्नयन आदि जो संस्कार किये जाते हैं , उन्हें कर्मांग श्राद्ध कहते हैं।
- कर्मांग श्राद्धः आने वाली संतति के लिए गर्भाधान , सोमयाग , सीमान्तोन्नयन आदि जो संस्कार किये जाते हैं , उन्हें कर्मांग श्राद्ध कहते हैं।
- आगे सोमयाग की विधि निश्चित होने पर जिस पेड़ को काटकर यूपस्तंभ बनाया जाता , उस पेड़ के लिए भी यही प्रार्थना की जाती।
- तत्पश्चात क्रमश : तानूनप्त्रेष्टि * , प्रवर्ग्येष्टि * , यज्ञ-शरीर के भेद , दूसरे के सोमयाग के ध्वंस और सोमस्कन्द-प्रायश्चित्त * का वर्णन है।