स्थायीभाव का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- AMसुन्दर अभिव्यक्ति . डर का स्थायीभाव, अपने लिये नहीं अपनों के लिये ,कैसी विवशता है !
- स्थायीभाव दिक्कालातीत भाव से प्रत्येक सहृदय सामाजिक के हृदय में पहले से ही विद्यमान होते हैं।
- विभाव-अनुभाव-व्यभिचारी के संयोग से प्रकट हुए स्थायीभाव का रस रूप मे स्वयमेव रूपांतरण हो जाता है।
- हास्य में स्थायीभाव हास होता है , जबकि व्यंग्य का स्थाई भाव शोक में उपलब्ध हो जाता है।
- उनके रहन-सहन और तौर-तरीकों ने साधारण तिब्बतियों के हृदय में गहरी ईष्र्या का स्थायीभाव उत्पन्न कर दिया है।
- क्योंकि मन के संवेग या वासना रति आदि स्थायीभाव संस्कार रूप मे दर्शक या पाठक के अन्दर रहते है।
- एक तथ्य समझने का यह है कि विष्णु प्राण पोषण करता है और इन्द्र प्राण के कारण स्थायीभाव घटता है।
- फिर प्रेरणा जिस तरह मेरे यहां पलीत हो रही है बे-चारीपने में सन्नभाव उसकी उपस्थिति का लगभग स्थायीभाव हुआ जाता है .
- रुद्रट ( 9 ई.) ने “सम्यक् ज्ञान” को, आनंदवर्धन ने “तृष्णाक्षयसुख” को, तथा अन्यों ने “सर्वचित्तवृत्तिप्रशम”, निर्विशेषचित्तवृत्ति, “घृति” या “उत्साह” को स्थायीभाव माना।
- आलस्य का स्थायीभाव क्रियाशीलता की गति को भी तेज कर देता है - काम निपटे और फ़िर अपन जहां पडें वहां सडें !