स्पन्द का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- स्पंदन , स्पन्दन , कंपन , कम्पन , स्पंद , स्पन्द , विस्पंदन , विस्पन्दन , प्रकंपन , प्रकम्पन , कम्प ; रह-रहकर धीरे-धीरे हिलने या काँपने की क्रिया 17 .
- स्पंदन , स्पन्दन , कंपन , कम्पन , स्पंद , स्पन्द , विस्पंदन , विस्पन्दन , प्रकंपन , प्रकम्पन , कम्प ; रह-रहकर धीरे-धीरे हिलने या काँपने की क्रिया 17 .
- परिणाम स्वरूप वह तमाम विद्युत् स्पन्द ( इलेक्ट्रिकल इम्पल्सिज़ ) जो इन नाड़ियों से होकर जातें हैं उनका प्रसारण तेज़ी घाट जाती है , अवमंदन हो जाता है इन स्पंदों का ।
- इसलिए परमात्मा के सकाश से सब प्रकृति में स्पन्द होता है तभी संसार की उत्पत्ति होती है अतएव प्रकृति और परमात्मा के संयोग से ही संसार की उत्पत्ति होती है अन्यथा नहीं।
- जो सम्बन्ध ही नहीं तो मिलना किससे हो और मिलाप न हुआ तो मन की सिद्धता क्या कहिये ? चित्त और स्पन्द की एकता मन कहाती है मन और कोई वस्तु नहीं ।
- देखती मुझे तू , हंसी मन्द, होठों में बिजली फ़ंसी, स्पन्द उर में भर झूली छबि सुन्दर, प्रिय की अशब्द श्रंगार-मुखर तू खुली एक-उच्छ्वास-संग, विश्वास-स्तब्ध बंध अंग-अंग, नत नयनो से आलोक उतर कांपा अधरों पर थर-थर-थर।
- जब नाड़ी की गति 100 स्पन्द प्रति मिनट से ज्यादा हो जाती है को इस अवस्था को टैकिकार्डिया ( Tachycardia ) तथा जब नाड़ी की गति प्रति मिनट 60 स्पन्द से कम हो जाती है।
- जब नाड़ी की गति 100 स्पन्द प्रति मिनट से ज्यादा हो जाती है को इस अवस्था को टैकिकार्डिया ( Tachycardia ) तथा जब नाड़ी की गति प्रति मिनट 60 स्पन्द से कम हो जाती है।
- परन्तु इसमें बौद्धों के विज्ञानवादी , शून्यवादी, माध्यमिक इत्यादि मतों का तथा काश्मीरी शैव, त्रिक प्रत्यभिज्ञा तथा स्पन्द इत्यादि तत्वज्ञानों का निर्देश होने के कारण इसके रचयिता उसी (वाल्मीकि) नाम के अन्य कवि माने जाते हैं।
- परन्तु इसमें बौद्धों के विज्ञानवादी , शून्यवादी, माध्यमिक इत्यादि मतों का तथा काश्मीरी शैव, त्रिक प्रत्यभिज्ञा तथा स्पन्द इत्यादि तत्वज्ञानों का निर्देश होने के कारण इसके रचयिता उसी (वाल्मीकि) नाम के अन्य कवि माने जाते हैं।