स्वान्तःसुखाय का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- तुलसीदास ने अपनी अमर रचना किसी समालोचक या मूर्धन्य विद्वान को लक्ष्य करके उसकी ‘रिकॉग्नीशन ' पाने के लिए नहीं लिखी थी, बल्कि स्वान्तःसुखाय तुलसी रघुनाथगाथा का भाव ही प्रधान था।
- तो जब वह परमसुख का सुख परमात्मा ही सबकी आत्मा है , सबका अंतःकरण है तो एक का स्वान्तःसुखाय अखिल जगत का स्वान्तःसुखाय क्यों नहीं हो सकता , हो सकता है ।
- तो जब वह परमसुख का सुख परमात्मा ही सबकी आत्मा है , सबका अंतःकरण है तो एक का स्वान्तःसुखाय अखिल जगत का स्वान्तःसुखाय क्यों नहीं हो सकता , हो सकता है ।
- गोस्वामी तुलसीदास ने अपनी अमर रचना किसी समालोचक या मूर्धन्य विद्वान को लक्ष्य करके उसकी ‘रिकॉग्नीशन ' पाने के लिए नहीं लिखी थी, बल्कि स्वान्तःसुखाय तुलसी रघुनाथगाथा का भाव ही प्रधान था।
- गोस्वामी तुलसीदास ने अपनी अमर रचना किसी समालोचक या मूर्धन्य विद्वान को लक्ष्य करके उसकी ‘रिकॉग्नीशन ' पाने के लिए नहीं लिखी थी, बल्कि 'स्वान्तःसुखाय तुलसी रघुनाथगाथा' का भाव ही प्रधान था।
- तुलसीदास ने अपनी अमर रचना किसी समालोचक या मूर्धन्य विद्वान को लक्ष्य करके उसकी ‘ रिकॉग्नीशन ' पाने के लिए नहीं लिखी थी , बल्कि स्वान्तःसुखाय तुलसी रघुनाथगाथा का भाव ही प्रधान था।
- बड़े विनीत भावः से कह रहा हूँ कि राम करें स्वान्तःसुखाय रचनाएँ ब्लॉग , इंटरनेट की प्रभूत संपत्ति बन जाँय जो हर दर्शक और आस्वादक को बिना इति अथ के रसानुभूति में डुबोती रहें ।
- गोस्वामी तुलसीदास ने अपनी अमर रचना किसी समालोचक या मूर्धन्य विद्वान को लक्ष्य करके उसकी ‘ रिकॉग्नीशन ' पाने के लिए नहीं लिखी थी , बल्कि स्वान्तःसुखाय तुलसी रघुनाथगाथा का भाव ही प्रधान था।
- बड़े विनीत भावः से कह रहा हूँ कि राम करें स्वान्तःसुखाय रचनाएँ ब्लॉग , इंटरनेट की प्रभूत संपत्ति बन जाँय जो हर दर्शक और आस्वादक को बिना इति अथ के रसानुभूति में डुबोती रहें ।
- आज न तो कोई तुलसी की तरह ‘ स्वान्तःसुखाय रघुनाथगाथा ' लिखने के लिये तैयार है और न भवभूति की भाँति भविष्य में कृति का मूल्यांकन करनेवालों की आशा में निश्चिन्त होकर बैठ जाने को तैयार है।