हज़रत उसमान का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ने फ़रमाया कि मेरी उम्मत में अबूज़र ज़ुह्दो वराअ में ईसा इब्ने मर्यम की मिसाल हैं आप हज़रत उमर के दौरे हुकूमत में शाम चले गए और हज़रत उसमान के ज़मानए खिलाफ़त में भी वहीं मुक़ीम थे।
- हज़रत ने पलट कर उन का मुतालबा हज़रत उसमान के सामने रखा जिसे उन्हों ने बग़ैर किसी पसो पेश के मान लिया और कहा कि इन तमाम मज़ालिम से उहदा बरआ होने के लिये कुछ मोहलत होना चाहिये।
- हज़रत आइशा ने जब कि हज़रत उसमान मिंबर पर थे , रसूल ( स 0 ) की जूतियां और क़मीस निकाली और उन से कहा कि यह रसूलुल्लाह ( स 0 ) की जूतियां और उन की कमीस है।
- अगर हज़रत उसमान की ख़ल्लम खुल्ला बदउनवानियां ( अनियमिततायें ) मुसलमानों को कर्वट लेने और आंख खोलने का मौक़ा न देतीं , तो उन के बाद भी अमीरुल मोमिनीन ( अ.स. ) की बैअत का कोई सवाल पैदा न होता था।
- हज़रत उसमान ने जब बात बढ़ते देखी , तो उन्हें रोक दिया और मर्वान से कहा कहो क्या कहना चाहते हो ? मर्वान ने कहा कि यह आप मस्जिद में क्या कह आए हैं और केसी तौबा कर आए हैं ?
- इस बात चीत के बाद हज़रत उसमान पलट आए और उलटा अमीरुल मोमिनीन को मौरिदे इल्ज़ाम ठहराना शुरुउ कर दिया कि इन की शह पर यह हंगामे उठ रहे हैं , और सब कुछ कर सकने के बावजूद कुछ नहीं करते।
- मगर हज़रत उसमान की ज़ौजा नाइला बिन्ते फ़राफ़सा मानें हुई और मर्वान से मुखातिब हो कर कहा कि खुदा के लिये तुम चुप रहो , तुम कोई ऐसी ही बात कहोगे जो इन के लिये मौत का पेश ख़ैमा बन कर रहेगी।
- जब हज़रत उसमान ने इस हद तक हालात बिगड़े हुए देखे तो बड़ी लजाजत से अमीरुल मोमिनीन ( अ.स. ) से ख़्वाहिश की कि वह उन के लिये छुटकारे की कोई सबील करें और जिस तरह बन पड़े उन लोगों को मुतफ़र्रिक़ कर दें।
- चुनांचे सब से पहले अब्दुल्लाह इबने आमिरे हज़री ने इस आवाज़ पर लब्बैक कही जो हज़रत उसमान के अहद में मक्के का वाली रह चुका था और साथ ही मर्वार इबने हकम सईद इबने आस और दूसरे बनी उमैया हमनवा बन कर उठ खड़े हुए।
- उन्हों ने हज़रत उसमान से कहा , मैं ने कहती थी कि मर्वान से पीछा छुड़ाइये वरना वह ऐसा कलंग का टीका लगायेगा कि मिटाए न मिटेगा , भला उस के कहने पर क्या चलना कि जो लोगों में बे आबरु और नज़रों से गिरा हुआ हो।