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हरफ़ का अर्थ

हरफ़ अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. तुम्हारे लिए ये हरफ़ ग़ज़ल ना बन सकी हो तो ना ही सही इस ग़ज़ल का मगर हर इक हरफ़ आम आदमी का दर्द रोता है !
  2. भगत सिंह आज की तारीख़ से 100 साल पीछे टॉमस पेन की रचना ‘ राइट्स ऑफ मैन ' के अंग्रेजी हरफ़ का अक्षर-दर-अक्षर टटोलने में जुटे थे , यह सुनना भी कौतुक और आकर्षण का विषय है।
  3. एक वाकया याद आता है - 1996 में जब पहली बार यास्नाया पोल्याना गई थी , रूस की उस टाल्सटॉय स्टेट में , और वहां जो खामोशी का गीत सुना , उसे हरफ़ भी नहीं दिया जा सकता ।
  4. ===================================== म्हारै पांती री चिंतावां : आरसी हरफ़ रै आंगणै रचनात्मक प्रतिबद्धता की अनुगूँज अब तक हमने जितने भी क़िस्से-कहानियाँ सुने-पढे हैं, उन सब में अपने हिस्से के लिए, अपने अधिकारों के लिए जूझते-लङते इंसान से साक्षात् होते रहे हैं ।
  5. चाँद सूरज दो दवातें हाथ में एक कलम लो इस ख़त का जवाब दो और दुनिया की खैर खैरियत के दो हरफ़ भी डाल दो - तुम्हारी - अपनी - धरती तुम्हारे ख़त की राह देखती बहुत फिकर कर रही . .
  6. ख़ुदा की क़सम मैं यह पसन्द करता हूँ के इन सब के बदले मुझे बनी फ़रास बिन ग़नम के हरफ़ एक हजार “ ााही मिल जाएं , जिनके बारे में इनके “ ााएर ने कहा थाः- ‘‘ इस वक़्त में अगर तू इन्हें आवाज़ देगा तो ऐसे “ ाहसवार सामने आएंगे जिनकी तेज़ रफ़्तारी गर्मियों के बादलों से ज़्यादा सरीहतर होगी ''
  7. अफ़सोस कि दनदां का कया रज़क़ फ़लक ने जिन लोगों की थी दरख़ोर अक़द गहर अनगशत काफ़ी है नशानी तरी छले का न दीना ख़ाली मझे दखला के बोक़त सफ़र अनगशत लखता हों असद सोज़श दिल से सख़न गरम ता रख न सके कोई मरे हरफ़ पर अनगशत ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। नसख़ नज़ामी में अगरचह दीदां है लीकन माानी के लहाज़ से दनदां मनासब हे दीदां सहो कताबत ममकन हे।
  8. बाज़ार होना पड़ा हरफ़ ही उलट कर खड़े हो गए क्या बोलती फिर अरथती किसे गुमसुमाये रही तो हक़ीकत के इज़लास में जुबां को ग़ुनहगार होना पड़ा सवालों से कतरा तो जाते मगर जिस दिशा को गए घेरे गए धुरी यूं बनाई गई देह को तक़ाजों का हथियार होना पड़ा धड़कनें चीज हो लें बिकें बेच लें तब उसूलन जिया जा सके घड़ना न आया ऐसा कभी मगर बांधे रही एषणा के लिए जिन्दगी को सांझ का ही सही उठता हुआ बाजार होना पड़ा
  9. अगर दो हरफ़ एक तरह के जमा हो जायें और पहला साकिन व दूसरी मुतहर्रिक हो तो पहले को दूसरे में इदग़ाम कर देगें जैसे م ِ ن ْ ن ّ اصرين َ लेकिन इस इदग़ाम की शर्त यह है कि पहला हर्फ़ , हर्फ़े मद् न हो वर्ना इदग़ाम जाएज़ न होगा जैसे ف ِ ي ْ ي ُ و ْ س ُ ف َ में इदग़ाम नही हुआ है हालाँकि في की يا साकिन है और يوسف की يا मुतहर्रिक इसलिए कि يا हर्फ़े मद् है।
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