हार्द का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आपने यह सिद्ध किया कि इसी अर्थ का निर्णय श्रीहरि ने सभी वेदवाक्यों , रामायण , महाभारत , पंचरात्र तथा अन्य शास्त्रवचनों ओर व्याससूत्रों में एकवाक्यता स्थापित करते हुए इसके रहस्य का , हार्द का श्रीमद्भगवतद्गीता में निर्णय किया है।
- आपने यह सिद्ध किया कि इसी अर्थ का निर्णय श्रीहरि ने सभी वेदवाक्यों , रामायण , महाभारत , पंचरात्र तथा अन्य शास्त्रवचनों ओर व्याससूत्रों में एकवाक्यता स्थापित करते हुए इसके रहस्य का , हार्द का श्रीमद्भगवतद्गीता में निर्णय किया है।
- वैद्यनाथ का हार्द शक्तिपीठ - वैद्यनाथ का हार्द शक्तिपीठ -शिव तथा सती के ऐक्य का प्रतीक बिहार के गिरिडीह जनपद में स्थित वैद्यनाथ का ' हार्द ' या ' ह्रदय पीठ ' है और शिव का ' वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग ' भी यहीं है।
- वैद्यनाथ का हार्द शक्तिपीठ - वैद्यनाथ का हार्द शक्तिपीठ -शिव तथा सती के ऐक्य का प्रतीक बिहार के गिरिडीह जनपद में स्थित वैद्यनाथ का ' हार्द ' या ' ह्रदय पीठ ' है और शिव का ' वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग ' भी यहीं है।
- वैद्यनाथ का हार्द शक्तिपीठ - वैद्यनाथ का हार्द शक्तिपीठ -शिव तथा सती के ऐक्य का प्रतीक बिहार के गिरिडीह जनपद में स्थित वैद्यनाथ का ' हार्द ' या ' ह्रदय पीठ ' है और शिव का ' वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग ' भी यहीं है।
- वैद्यनाथ का हार्द शक्तिपीठ - वैद्यनाथ का हार्द शक्तिपीठ -शिव तथा सती के ऐक्य का प्रतीक बिहार के गिरिडीह जनपद में स्थित वैद्यनाथ का ' हार्द ' या ' ह्रदय पीठ ' है और शिव का ' वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग ' भी यहीं है।
- मनुष्य धार्मिक कहलाए या नहीं , आत्म-परमात्मा में विश्वास करे या नहीं , पूर्वजन्म और पुनर्जन्म को माने या नहीं , अपनी किसी भी समस्या के समाधान में जहाँ तक संभव हो , अहिंसा का सहारा ले- यही पयुर्शण की साधना का हार्द है।
- शा का हा र- शा से शान्ति , का से कान्ति रुप लवाष्य , हा से हार्द वात्सल्य , र से रस शक्ति , अर्थात जिस आहार से हमें शांन्ति मिले , रुप लावष्यता का विकास से हृदय में वात्सल्यता बढे तथा शरीर हष्ट पुष्ट व शक्तिशाली हो ऐसा आहार ही हमारे अनुकूल हो सकता है।
- एक तो यह निकलता है , दूसरे यह निकलता है कि नहीं , साहित्य एक छिपे हुए जीवन का , जीवन के उस मर्म का जो कि जीवन जीते हुए नहीं देखा जा सकता न अनुभव किया जा सकता है-कि साहित्य उस मर्म का उद्घाटन करता है ; जीवन के हार्द में जो जीवन-प्रक्रिया है , उसका जो स्वरूप है उसको उद्घाटित करता है।