अकथित का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अपने बहुत सुन्दर और रोचक तरीके से अपने देश की एक प्राचीन सांस्कृतिक परम्परा और अनुष्ठान की जानकारी दी -बहुत अच्छा लगा पढ़कर ! साधुवाद दे दूं क्या ? ( दे दिया .... पहले भी अकथित देता ही रहा हूँ इतना सहज और संतुलित लिखती हैं जो आप )
- इस कलमकार के कलामों में कइ प्रकार की देशज अन्तर्ध्वनियां हैं , अकथित आशय हैं जो जीवन के तमाम खट्टे-मीठे अनुभवों के साक्ष्य हैं और महत्वपूर्ण बात तो यह है कि इनके अर्थ आसानी से निकल आते हैं और लगने लगता है कि मानो वे हमारे जीवन की हकीकत बयान कर रहे हों।
- इस कलमकार के कलामों में कइ प्रकार की देशज अन्तर्ध्वनियां हैं , अकथित आशय हैं जो जीवन के तमाम खट्टे-मीठे अनुभवों के साक्ष्य हैं और महत्वपूर्ण बात तो यह है कि इनके अर्थ आसानी से निकल आते हैं और लगने लगता है कि मानो वे हमारे जीवन की हकीकत बयान कर रहे हों।
- तो इस कैंप कालिज की जिस लड़की को क् वीन मेरी कहे जाने पर ऐतराज़ नहीं था , वह थी सत् या , क् लास की चार पाँच लड़कियों की अकथित नेता , जिसे ख़ाली घंटों में निकट ही बिरला मंदिर के बाहर सहेलियों के साथ चाट पकौड़ी खाने चले जाना पसंद था।
- हर कामना में विजय का आभास लिए अपने मन में एक नया विश्वास लिए है जंग बहुत लंबी दिल में जीतने की उम्मीद भरी कभी लगती है डगर सपनों वाली है माना स्वपन की भाषा खुशबू सही पर जिंदगी की भाषा तो निर्मल पानी है दोनो ही भाषा है अकल्पनीय , अकथित लेकिन दीपक कि भाष...
- हर कामना में विजय का आभास लिए अपने मन में एक नया विश्वास लिए है जंग बहुत लंबी दिल में जीतने की उम्मीद भरी कभी लगती है डगर सपनों वाली है माना स्वपन की भाषा खुशबू सही पर जिंदगी की भाषा तो निर्मल पानी है दोनो ही भाषा है अकल्पनीय , अकथित लेकिन दीपक कि भाष...
- हर कामना में विजय का आभास लिए अपने मन में एक नया विश्वास लिए है जंग बहुत लंबी दिल में जीतने की उम्मीद भरी कभी लगती है डगर सपनों वाली है माना स्वपन की भाषा खुशबू सही पर जिंदगी की भाषा तो निर्मल पानी है दोनो ही भाषा है अकल्पनीय , अकथित लेकिन दीपक कि भाष
- हर कामना में विजय का आभास लिए अपने मन में एक नया विश्वास लिए है जंग बहुत लंबी दिल में जीतने की उम्मीद भरी कभी लगती है डगर सपनों वाली है माना स्वपन की भाषा खुशबू सही पर जिंदगी की भाषा तो निर्मल पानी है दोनो ही भाषा है अकल्पनीय , अकथित लेकिन दीपक कि भाष
- हर कामना में विजय का आभास लिए अपने मन में एक नया विश्वास लिए है जंग बहुत लंबी दिल में जीतने की उम्मीद भरी कभी लगती है डगर सपनों वाली है माना स्वपन की भाषा खुशबू सही पर जिंदगी की भाषा तो निर्मल पानी है दोनो ही भाषा है अकल्पनीय , अकथित लेकिन दीपक कि भाषा तो ये ही जाने कि अधेरें में मुझे रोशनी लानी है अनुराग
- हर कामना में विजय का आभास लिए अपने मन में एक नया विश्वास लिए है जंग बहुत लंबी दिल में जीतने की उम्मीद भरी कभी लगती है डगर सपनों वाली है माना स्वपन की भाषा खुशबू सही पर जिंदगी की भाषा तो निर्मल पानी है दोनो ही भाषा है अकल्पनीय , अकथित लेकिन दीपक कि भाषा तो ये ही जाने कि अधेरें में मुझे रोशनी लानी है अनुराग