अकर्मक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- प्रस्तुत कोश में इन अर्थों को अलग-अलग अकर्मक तथ सकर्मक श्रेणियों में स्पष्ट रूप से विभाजित कर दिया गया है।
- आगे उन्होंने पाठक और साहित्य की रचनाधर्मिता को सकर्मक और अकर्मक क्रिया व्यापार के माध्यम से बखूबी स्पष्ट किया हैं।
- अपूर्ण अकर्मक क्रिया का अर्थ पूर्ण करने के लिए संज्ञा या विशेषण को जोड़ा जाता है , उसे पूर्ति कहते हैं।
- इसमें मुख्यतः अकर्मक क्रिया का ही प्रयोग होता है और साथ ही प्रायः निषेधार्थक वाक्य ही भाववाच्य में प्रयुक्त होते हैं।
- इसमें मुख्यतः अकर्मक क्रिया का ही प्रयोग होता है और साथ ही प्रायः निषेधार्थक वाक्य ही भाववाच्य में प्रयुक्त होते हैं।
- क्रिया के तीन भेद माने जाते है : -१.अकर्मक २.सकर्मक ३.द्विकर्मक१.अकर्मक क्रिया :- अकर्मक क्रिया का शाब्दिक अर्थ होता है -कर्म रहित।
- इसमें मुख्यतः अकर्मक क्रिया का ही प्रयोग होता है और साथ ही प्रायः निषेधार्थक वाक्य ही भाववाच्य में प्रयुक्त होते हैं।
- उपर्युक्त वाक्यों में हो गया , होता है, निकला और है अपूर्ण अकर्मक क्रियाएँ हैं और शिक्षक, पीला, चोर और बुद्धिमान पूर्ति है।
- पहाड़ी भाषाओं के ही समान नेपाली में भी अकर्मक क्रिया के कर्ता के साथ भी ले ( ने) शब्द का प्रयोग होता है।
- पगले , रोना अकर्मक है और पेड़ पर नहीं लगती रात कि तोड़कर खाई जा सके आड़ू , चीकू , अमरूद की तरह।