अगति का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- प्रेम से सबका दिल जीतो मापदण्ड बदलो - दुष्यन्त कुमार मेरी प्रगति या अगति का यह मापदण्ड बदलो तुम , जुए के पत्ते सा मैं अभी अनिश्चित हूँ ।
- मुझे मुक्ति दो , आज अगति से, खँडित कर भूधर जडता के, पाश खोल दो, परवशता के, सीमाओँ को प्रहसित कर अब, पथ सँवार दो, सहज सुमति से ***********
- मैं गति के नियम पढाने की बात करती हूँ तो छात्र मजाक उड़ाते हुए कहते हैं कि गति के तीन प्रकार हैं , अगति , दुर्गति और सत्गति .
- मैं गति के नियम पढाने की बात करती हूँ तो छात्र मजाक उड़ाते हुए कहते हैं कि गति के तीन प्रकार हैं , अगति , दुर्गति और सत्गति .
- दयालु ॠषि ने राजा की प्रेत योनि से मुक्ति के लिए स्वयं ही अपरा ( अचला) एकादशी का व्रत किया और उसे अगति से छुड़ाने को उसका पुण्य प्रेत को अर्पित कर दिया।
- उदाहरणार्थ- ऊपर के अगीत का हिन्दी परिवर्तन- जीवन निरन्तर स्रजन का नाम है , स्रजन की निरन्तरता रुकने पर, जीवन ठहर जाता है : ठहरना अगति है, गति बिना - जीवन कहां रह पाता है ।
- आधुनिक खगोलवेत्ता अभी भी खगोलीय वस्तुओं की स्थिति , चमक , अगति तथा अन्य पर्यवेक्षण योग्य विशेषताओं के अध्ययन तथा खगोलीय मेकानिक्स के नियमों के आधार पर उनकी गति के बारे में भविष्यवाणी करने में लगे हैं।
- आधुनिक खगोलवेत्ता अभी भी खगोलीय वस्तुओं की स्थिति , चमक , अगति तथा अन्य पर्यवेक्षण योग्य विशेषताओं के अध्ययन तथा खगोलीय मेकानिक्स के नियमों के आधार पर उनकी गति के बारे में भविष्यवाणी करने में लगे हैं।
- इस अस्ति और नास्ति के खेल में जूझता व्यक्ति किस घाट का पानी पिये ? गजब स्थिति हो गयी है-“कुछ ऐसी लूट मची जीवन चौराहे परखुद को ही खुद लूटने लगा हर सौदागर।”तो कैसे मुक्ति हो इस अगति से?खुद के सवाल में खुद ही जवाब हाजिर होता है हमारे सामने।
- एक योगी उतना ही जानता है जहाँ तक उसने योग का अभ्यास किया है परंतु अर्जुन की दृष्टि में श्रीकृष्ण साक्षात भगवान हैं , बिना अभ्यास- श्रम के सर्वत्र सब कुछ जानने वाले अन्तर्यामी सच्चिदानंद घन परब्रह्म परमात्मा हैं , संपूर्ण प्राणियों की गति- अगति को जानने वाले हैं।