अधोगमन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- फिल्मी दुनिया , उसमें व्याप्त जीवन मूल्यों को तिलांजलि देती नई पीढ़ी और उस अधोगमन की ओर उत्सुकता भरी निगाहों में वास्तविक जिन्दगी से दूर के सपने तो चिन्ता का विषय हैं ही, विद्यार्थियों का राजनीतिज्ञों द्वारा शोषण, शिक्षा का गुणात्मक अवमूल्यन, नेतृत्व की अक्षमता, साहित्य, कला, संस्कृति और ज्ञान की अवहेलना से उपजी नकारात्मक सोच, ‘‘युवा भटकाव की स्थिति क्यों” शीर्षक लेख में बहुत सटीक ढंग से उकेरी गई है।
- नाभि चक्र पर यदि कंट्रोल कर लिया तो उर्जा ऊपर की ओर बढनी शुरू हो जायेगी ! नाभि केन्द्र पर जिनका कंट्रोल नही है , उसकी उर्जा भी अधोगमन हो कर नीचे की ओर बह जायेगी ! भोगी अपनी उर्जा का अधोगमन कर देता है , ओर योगी अपनी उर्जा का उर्ध्वारोहन क र देता है , त ब योगी को स्वत : अनेक अनेक शक्तियां प्रकट हो जाती हैं ! इसी को बोलते हैं तपस्या ! उर्जा का उर्ध्वारोहन करना ही तपस्या है
- नाभि चक्र पर यदि कंट्रोल कर लिया तो उर्जा ऊपर की ओर बढनी शुरू हो जायेगी ! नाभि केन्द्र पर जिनका कंट्रोल नही है , उसकी उर्जा भी अधोगमन हो कर नीचे की ओर बह जायेगी ! भोगी अपनी उर्जा का अधोगमन कर देता है , ओर योगी अपनी उर्जा का उर्ध्वारोहन क र देता है , त ब योगी को स्वत : अनेक अनेक शक्तियां प्रकट हो जाती हैं ! इसी को बोलते हैं तपस्या ! उर्जा का उर्ध्वारोहन करना ही तपस्या है
- सत्रहवां अर्थ है -जड़ भरत एक पुराण कालीन चरित्र जो दिव्य ज्ञान तो रखता है पर मोहवश वह विभिन्न योनियों में भटकता है क्योंकि जीवन की संध्या में जो भी ध्यान करता है , अपने अगले जन्म में वही जन्म पाता है , भटकता रहता है निरंतर गतिशीलता है में उसे ध्यान नहीं की वह क्यों भटकता है , वह क्यों सबसे निबटने के विचार में भटकता रहता है , शास्वत अधोगमन की परिक्रमा में जो मानसिक रूप से ईश्वर प्रदत्त कष्टकर प्रश्न पत्रों की परीक्षा दे रहे होते हैं , उन्हें भटकाता रहता है .