अन्नमय का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसलिए पहले से ऋषि शुरू करता है ” अन्नमय कोष। ”
- 1 . अन्नमय कोश - शरीर पंचतत्व से मिलकर बना है .
- 1 . अन्नमय कोश - शरीर पंचतत्व से मिलकर बना है .
- यहां अन्नमय से आनंदमय कोष - अंतिम भीतरी परत की यात्रा है।
- यदि शरीर से प्राणमय निकल जाए तो अन्नमय शरीर निर्जीव हो जाएगा।
- मात्र इस स्थूल शरीर , इस पहले अन्नमय कोष को ही सब कुछ
- अन्नमय कोश को छोड़कर शेष चार कोश अदृश्य व सूक्ष्म है ।
- अन्न से प्राणी का जन्म , विकास परिपुष्टता और अन्नमय कोष बनता है।
- अगर पर्ाणमय शरीर िनकल जाता है तो अन्नमय शरीर मुदार् हो जाता है।
- अन्नमय आदि पाँच कोश हमारे सत्स्वरूप आत्मा पर एक प्रकार के आवरण हैं।