अपकर्म का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- और इसीलिए , इस व्यवसाय के व्यक्ति चिंतित रहते हैं कि देश की आवाज के स्पष्ट , अर्थपूर्ण और उन्मुक्त करने में , देश का आत्माओं को कार्य-शील चिंतन और चरित्र-पूर्ण बनाने में उसका कार्य अपकर्म का कारण न बन जाये।
- कर्म यदि “ मैं ” और “ मेरा ” ( पत्नी / बच्चे / … . ) के लिए है तो वह कर्म ( चाहे सुकर्म जैसे दान चाहे अपकर्म जैसे पशुहिंसा ) “ निश्चित कर्म ” न होकर “ बंधनकारक कर्म ” हैं।
- हाल के वर्षों में विकसित देशों की तो क्या कहें भारत जैसी शिष्ट और संस्कृति जीवी कही जाने वाली सरज़मी पर जिस कदर अनाचार-दुराचार , दुष्कर्म और अपकर्म के गहरे निशान अंकित हुए हैं , उनसे सिर शर्म से झुक जाना और मन का आक्रोश में उबल पड़ना स्वाभाविक है .
- पर बात तो ये भी देखि गई है कि धार्मिक लोग भी अपकर्म नहीं करते क्योकि उनके माँ बाप उनको धार्मिकता बताते है , और रही बात नास्तिकता कि यह कैसे कहा जा सकता है कि यह आस्तिकता से श्रेष्ठ है क्या नास्तिक भी अपनी मनमानी नहीं कर रहे है, मैंने देखा कि
- तू अपने निर्धारित कर्म करने का / सुकर्म करने का / अपकर्म करने का / कर्महीन रहने का ठीकरा अपने जन्म या परिस्थितियों आदि के सर नहीं फोड़ सकता । ............. और “ पुरुष ” या “ स्त्री ” होना भी एक जन्म से प्राप्त परिस्थिति भर है - उससे अधिक कुछ नहीं ।
- अभी तक ज़िंदा है शरीर के भीतर एक और शरीर जो रोकता है टोकता है कटु-वचन बोलकर भर उठता है ग्लानि से अपकर्म करके करता है पश्चाताप पर-दुख-कातरता अभी भी बची है शेष मेरे-तेरे भेद को नहीं मानता यह ठीक है कि उसका जीवन बहुत कम शेष है लेकिन , निराश मत होओ मन क्य...
- अभी तक ज़िंदा है शरीर के भीतर एक और शरीर जो रोकता है टोकता है कटु-वचन बोलकर भर उठता है ग्लानि से अपकर्म करके करता है पश्चाताप पर-दुख-कातरता अभी भी बची है शेष मेरे-तेरे भेद को नहीं मानता यह ठीक है कि उसका जीवन बहुत कम शेष है लेकिन , निराश मत होओ मन क्य
- सबसे खास बात तो यह है कि हमारे शिक्षक जब हमें कहीं भी निगरानी में रखते थे , गाइड करते थे , दिशाएं तय करते थे हमारी और हम उनकी नजर बचाकर कोई अपकर्म करने का दुस्साहस करने की सपने में भी नहीं सोच सकते थे , वहीं नालेज इकानामी में यह देश अब अमेरिका हो गया है।
- यदि हम नहीं कर सके / सकते / चाहते / या कर सकते होने के बावजूद न निजी कम्फर्ट ज़ोन के चलते न करने के बहाने खोजते हैं ( परिस्थितियों आदि में ) - तो फिर ऊपर कोई शक्ति है जो उस अपकर्म करता को बचने के बहाने उपलब्ध कराने वालों को भी उस अपकर्म के करता के साथ ही दण्डित अवश्य करेगी ।
- यदि हम नहीं कर सके / सकते / चाहते / या कर सकते होने के बावजूद न निजी कम्फर्ट ज़ोन के चलते न करने के बहाने खोजते हैं ( परिस्थितियों आदि में ) - तो फिर ऊपर कोई शक्ति है जो उस अपकर्म करता को बचने के बहाने उपलब्ध कराने वालों को भी उस अपकर्म के करता के साथ ही दण्डित अवश्य करेगी ।