अपान वायु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जब तक अपान वायु ऊपर ना उठे , कुण्डलिनी को धक्का ना दे तब तक ऊपर नहीं उठेगी .
- महर्षि याज्ञवल्क्यजी प्राणायाम की प्रक्रिया को इसी प्रकार बताते हैं- प्राण और अपान वायु के मिलने को ' प्राणायाम' कहते हैं।
- हाँ , जिस तरह शरीर की अपान वायु को निकालने के दो तरीके हैं- एक डकार द्वारा और दूसरा ...
- यह अपान वायु का स्थान है तथा मल , मूत्र , वीर्य , प्रसव आदि इसी के अधिकार में हैं।
- चना गैस नहीं करता , शरीर में विषाक्त वायु हो तो अपान वायु के रूप में बाहर निकाल देता है।
- अथवा परमेश्वर के स्मरणपूर्वक अन्तिरक्षस्थानीय वायु के लिए और अपान वायु की शुद्धि के लिए मैं यह आहुति प्रदान करता हूँ।।
- अथवा परमेश्वर के स्मरणपूर्वक अन्तिरक्षस्थानीय वायु के लिए और अपान वायु की शुद्धि के लिए मैं यह आहुति प्रदान करता हूँ।।२।।
- अपान वायु ( गैस) को रोकने से अफारा, थकान, पेट में दर्द, मल-मूत्र रुकावट व शरीर में वायु प्रकोप हो सकता है।
- वात का वेग - इसमें नीचे से निकलने वाली अपान वायु एवं ऊपर से निकलने वाली उध्र्ववात को नहीं रोकना चाहिए।
- तंत्र ध्यान विधि - 1 तंत्र कहता है - प्राण वायु एवं अपान वायु के अंतराल में अपनी उर्जा केन्द्रित करो ।