अप्रमेय का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- भावार्थ : इस नाशरहित, अप्रमेय, नित्यस्वरूप जीवात्मा के ये सब शरीर नाशवान कहे गए हैं, इसलिए हे भरतवंशी अर्जुन! तू युद्ध कर॥18॥ य एनं
- परमात्मा को छोडकर जगत में कोई स्थावर या जंगम पदार्थ नित्या नहीं है , क्योंकि वे अक्षय , अप्रमेय और सर्वज्ञ कहे जाते है।
- परमात्मा को छोडकर जगत में कोई स्थावर या जंगम पदार्थ नित्या नहीं है , क्योंकि वे अक्षय , अप्रमेय और सर्वज्ञ कहे जाते है।
- 19 आप अज्ञान और अन्धकार के नाशक , जड़ता एवं शीत के निवारक तथा शत्रु का नाश करने वाले हैं , आपका स्वरूप अप्रमेय है।
- भावार्थ : इस नाशरहित , अप्रमेय , नित्यस्वरूप जीवात्मा के ये सब शरीर नाशवान कहे गए हैं , इसलिए हे भरतवंशी अर्जुन ! तू युद्ध कर॥ 18 ॥
- भावार्थ : इस नाशरहित , अप्रमेय , नित्यस्वरूप जीवात्मा के ये सब शरीर नाशवान कहे गए हैं , इसलिए हे भरतवंशी अर्जुन ! तू युद्ध कर॥ 18 ॥
- यह इस देश का दुर्भाग्य है कि हम एक देश के रूप में इस तरह की अप्रमेय योग्यता वाले सौ पचास लोगभी राजनीति के क्षेत्र तक नहीं पंहुचा सकते .
- * 2 . 17 से 2.30 तक > ये सूत्र ज्ञानयोग के केंद्र आत्मा से हैं * 2.18 > अनासीन ( नाशरहित ) , अविनाशी , नित्य , अप्रमेय आत्मा है ।
- * 2 . 17 से 2.30 तक > ये सूत्र ज्ञानयोग के केंद्र आत्मा से हैं * 2.18 > अनासीन ( नाशरहित ) , अविनाशी , नित्य , अप्रमेय आत्मा है ।
- यह इस देश का दुर्भाग्य है कि हम एक देश के रूप में इस तरह की अप्रमेय योग्यता वाले सौ पचास लोग भी राजनीति के क्षेत्र तक नहीं पंहुचा सकते .