अबोधगम्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यह एक बहुत ही दिलचस्प बात है कि अभी तक , पिछले पचास बरस से हिन्दी में जो शब्द चिर -परिचित बने चले आ रहे थे , पिछले कुछ वर्षों में उभरे 'उदारीकरण ' के चलते अचानक 'कठिन ' 'अबोधगम्य ' और टंग -ट्व्स्टिर हो गये।
- यह एक बहुत ही दिलचस्प बात है कि अभी तक , पिछले पचास बरस से हिन्दी में जो शब्द चिर -परिचित बने चले आ रहे थे , पिछले कुछ वर्षों में उभरे 'उदारीकरण ' के चलते अचानक 'कठिन ' 'अबोधगम्य ' और टंग -ट्व्स्टिर हो गये।
- हमारे विज्ञान की सीमा यह है कि यह अभी नहीं कहा जा सकता है कि बिग बैंग के समय के गति के नियम कैसे थे और इससे पहले क्या था ? सवाल पदार्थ के मौजूदा हर बोधगम्य और अबोधगम्य रूप के ही उद्भव का है !
- यह एक बहुत ही दिलचस्प बात है कि अभी तक , पिछले पचास बरस से हिन्दी में जो शब्द चिर - परिचित बने चले आ रहे थे , पिछले कुछ वर्षों में उभरे ' उदारीकरण ' के चलते अचानक ' कठिन ' ' अबोधगम्य ' और टंग - ट्व्स्टिर हो गये।
- यह एक बहुत ही दिलचस्प बात है कि अभी तक , पिछले पचास बरस से हिन्दी में जो शब्द चिर - परिचित बने चले आ रहे थे , पिछले कुछ वर्षों में उभरे ' उदारीकरण ' के चलते अचानक ' कठिन ' ' अबोधगम्य ' और टंग - ट्व्स्टिर हो गये।
- यह एक बहुत ही दिलचस्प बात है कि अभी तक , पिछले पचास बरस से हिन्दी में जो शब्द चिर - परिचित बने चले आ रहे थे , पिछले कुछ वर्षों में उभरे ' उदारीकरण ' के चलते अचानक ' कठिन ' ' अबोधगम्य ' और टंग - ट्व्स्टिर हो गये।
- एक लम्बे समय तक प्रयोगों द्वारा इन कणों का भौतिक अस्तित्व सिद्ध न हो सकने के चलते एक नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक लिओन लेडरमैन ने 1993 में एक पुस्तक लिखी जिसका शीर्षक दिया - “ गाॅड डैम पार्टिकल ” - अर्थात जैसे ईश्वर भ्रान्तिजनक और अबोधगम्य है , ठीक वैसे ही हिग्स-बोसॉन कण भी भ्रान्तिजनक और अबोधगम्य है .
- एक लम्बे समय तक प्रयोगों द्वारा इन कणों का भौतिक अस्तित्व सिद्ध न हो सकने के चलते एक नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक लिओन लेडरमैन ने 1993 में एक पुस्तक लिखी जिसका शीर्षक दिया - “ गाॅड डैम पार्टिकल ” - अर्थात जैसे ईश्वर भ्रान्तिजनक और अबोधगम्य है , ठीक वैसे ही हिग्स-बोसॉन कण भी भ्रान्तिजनक और अबोधगम्य है .
- जो समझ में ना आ सके वो गोरखधंधा है , बाई द वे , गोरखधंधा शब्द गुरु गोरखनाथ के अबोधगम्य कारनामों की वजह से आया था , जो तंत्र के ज्ञाता थे ! जब दिल्ली में भटकते किसी पश्चिमी पर्यटकों को हिंदी धर्म संबंधी चीजों में रुचि लेते देखता था , तो सोचता था की बेचारा जितनी उत्सुकता से आया है उससे हजार गुना गफ़लत में पड कर जाएगा ! : )