अमृतत्व का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- याज्ञवल्कय ने जवाब दिया , ” नहीं , अमृतत्वस्य तु नाशास्ति वित्तेन - वित्त से अमृतत्व की आशा करना बेकार है।
- यदि अमृतत्व प्राप्त करना है , तब जीवन के लिये विद्या का भी अनुकरण आवश्यक है और अविद्या का भी ।
- महाकाव्य का मूल संदेश है तमस पर सत्व की विजय , अमृतत्व से मृत्यु का पराभव और शाश्वत चेतना का उदय।
- महाकाव्य का मूल संदेश है तमस पर सत्व की विजय , अमृतत्व से मृत्यु का पराभव और शाश्वत चेतना का उदय।
- अमृतत्व अपने ही से प्राप्त होता है , विद्या से तो ज्ञानान्धकार को निवृत्त करने का सामर्थ्य मिलता है ॥ 4 ॥
- इन्हीं भगवान् धन्वन्तरि ने आयुर्वेद शास्त्र ज्ञान की धारा का जन-जन में प्रवाहित करते हुए वनौषधियों में अमृतत्व का समावेश्ा किया है।
- इसके मूल में क्या कारण है ? क्या इस संस्कृति की विशेषता है जो इसे शाश्वत सनातन अमृतत्व प्रदान कर रहा है ?
- दानशील व्यक्ति दीर्ध जीवन एवं अमृतत्व को प्राप्त करता है और मृत्यु के पश्चात देवताओं के उत्तम लोक में गमन करता है ।
- भक्ति की उपलब्धि अमृतत्व , तृप्ति और सिद्धिकारक होती है तथा उससे शोक , द्वेष , रति और उत्साह आदि का शमन होता है।
- अमृतत्व की इच्छा करनेवाला कोई एक धीर अपने चक्षु आदि इन्द्रियों को बाह्य विषयों से लौटाकर अन्त : स्थ आत्मा को देख पाता है।