अरनी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- छोटी अरणी ( अरनी ) के पत्ते का रस 12 ग्राम दिन में दो बार पीने से उपदंश मिट जाता है।
- इस झील को मीठा पानी देने वाली तीन प्रमुख नदियां हैं- उत्तर से सुवर्णमुखी , दक्षिण से अरनी और उत्तर-पश्चिम से कलंगी नदी।
- अरनी के पत्तों का 100 मिलीलीटर काढ़ा पिलाने से तथा इसके पत्तों की पुल्टिस बनाकर बांधने से बवासीर ठीक हो जाती है।
- वह पर्वत पर अकेले चढ़ता है . वह चढ़ता ही नहीं, अकसर अरनी भेड बकरियोंसहित वह पर्वत-शिखर को अपना डेरा ही बना डालता है.
- ये दस जड़ें जिन वनस्पतियों की होती हैं वे हैं- बेल , गम्भारी, पाटल, अरनी, अरलू, सरिवन, पिठवन, बड़ी कटेरी, छोटी कटेरी और गोखरू।
- अर्जुन का चूर्ण 2 ग्राम को अग्निमथ ( अरनी ) के बने काढ़े के साथ मिलाकर पीने से मोटापे में लाभ होता हैं।
- छोटी अरनी के पत्तों का रस लगभग 40 ग्राम की मात्रा में बच्चों को पिलाने से उसके पेट के कीडे़ नष्ट हो जाते हैं।
- अरनी के पत्ते और हरड़ की छाल का 100 मिलीलीटर काढ़ा करके सुबह शाम 30 मिलीलीटर की मात्रा में पिलाने से बद्धकोष्ठता मिटती है।
- दूसरा प्रयोगः अरनी के पत्तों का 20 से 50 मि . ली . रस दिन में तीन बार पीने से स्थूलता दूर होती है।
- बड़ी या छोटी अरनी की जड़ों के 100 मिलीलीटर गर्म काढ़े में 30 ग्राम गुड़ मिलाकर देने से त्रिदोष गुल्म दूर हो जाते हैं।