अर्थापत्ति का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अर्थापत्तिदृष्ट या श्रुत अर्थ की उपपत्ति जिस अर्थ के अभाव में न हो सके , उस अर्थकी कल्पना को अर्थापत्ति कहते हैं.
- जिस बात से बिना किसी देखी या सुनी बात के अर्थ में आपत्ति आती हो उसके लिये अर्थापत्ति प्रमाण हैं ।
- इन चार प्रमाणों के अतिरिक्त मीमांसक , वेदांती और पौराणिक चार प्रकार के और प्रमाण मानते हैं-ऐतिह्य, अर्थापत्ति, संभव और अभाव ।
- इसी प्रकार उपमान , शब्द या अर्थापत्ति के द्वारा भी ईश्वर का अभाव सिद्ध करना असम्भव है , ऐसा उदयनाचार्य ने दिखाया है।
- यदि कोई व्यक्ति जीवित है किंतु घर में नहीं है तो अर्थापत्ति के द्वारा ही यह ज्ञात होता है कि वह बाहर है।
- ज्ञान उपलब्धि के जिन छह साधनों की चर्चा इसमें की गई है , वे है-प्रत्यक्ष , अनुमान , उपमान , शब्द , अर्थापत्ति और अनुपलब्धि।
- ज्ञान उपलब्धि के जिन छह साधनों की चर्चा इसमें की गई है , वे है-प्रत्यक्ष , अनुमान , उपमान , शब्द , अर्थापत्ति और अनुपलब्धि।
- अर्थापत्ति के भेदप्रभाकर का मत है कि किसी भी प्रमाण से ज्ञात विषय की उपपत्ति के लिए `अर्थापत्ति ' हो सकती है, केवल दृष्ट और श्रुत ही से नहीं.
- अर्थापत्ति अनुमान में कैसे अंतर्भूत होती है , अनुपलब्धि को स्वतंत्र प्रमाण मानने की क्यों ज़रूरत होती है , तथा वेदों में ग्रंथित विधिवाक्यों का अर्थ कैसे लगाना चाहिए।
- शब्द सहित तीनों को सांख्यों ने * , उपमान सहित चारों को नैयायिकों ने * और अर्थापत्ति तथा अभाव सहित छह प्रमाणों को जैमिनीयों ( मीमांसकों ) ने * मान्य किया है।