अर्धाली का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- तुलसी मेरी घुट्टी में पड़े हुए हैं और शायद ही उनकी कोई चौपाई हो , जिसकी पहली अर्धाली बोलने पर मैं उसे पूरा न कर दूं।
- त्त में उठकर स्नान करके प्रतिदिन उपर्युक्त अर्धाली सहित मन्त्र की सात माला जप करना चाहिए और प्रत्येक माला की समाप्ति पर धूप-गुग्गुल की अग्नि में आहुति देनी चाहिये।
- इन्हें रामचरित मानस की दो ही चौपाइयां याद रहती हैं , ये परहित सरसि धरम नहीं भाई , परपीड़ा सम नहीं अधमाई , इस अर्धाली को नहीं ढूढ़ पाते।
- इसी प्रकार एक दोहे की अर्धाली - हे हर-हार-अहारसुत , विनयकरउँ कर जोरि में मात्र पवनसुत कहने के लिए हर-हार-अहारसुत पद प्रयोगकिये गए हैं, जो अर्थान्वयन में अनावश्यक अड़चन पैदा कर रहे हैं।
- आप प्रेरणा पुरूष हैं शास्त्री जी , अभिलाषा तो बहुत कुछ करने को है ,आपकी प्रेरणा निश्चय ही रंग लाएगी ,अपनी हाल तो बाबा तुलसी की इस अर्धाली मे बयां होती है -
- नागार्जुन कई बार एक पद या अर्धाली की आवृति से एक लयात्मक वर्तुल बनाते है जिसमें पहले बाहर की ओर फैलते आवर्त्त बनते हैं और बाद में केन्द्र की ओर लौटते आवर्त्त।
- उसी तरह सायरा बानो की दिलकश रंगीन तस्वीर के साथ टुकड़ा लगाया ' कनक छरी-सी कामिनी' और जानने वालों ने अपनी तरफ़ से दोहे की दूसरी अर्धाली अनायास जोड़ी होगी, 'काहे को कटि क्षीण'!
- वह दूसरों को बोलने का पूरा मौका देते ( जिन्हें देना चाहते थे ) थे ; लेकिन जब उनके उत्तर की बारी आती थी तो एक वाक्य की अर्धाली भी मुश्किल से कहते थे।
- कद्दू के फूल से आकार लेते नन्हें फल को देखकर मानस की बहुउधृत अर्धाली - ' इहाँ कु्म्हड़ बतिया कोउ नाहीं , जे तर्जनी देख डर जाहीं ' कहने का भी रिवाज है .
- इसी प्रकार एक दोहे की अर्धाली - हे हर-हार-अहारसुत , विनय करउँ कर जोरि में मात्र पवनसुत कहने के लिए हर-हार-अहारसुत पद प्रयोग किये गए हैं , जो अर्थान्वयन में अनावश्यक अड़चन पैदा कर रहे हैं।