अश्मक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- महापद्मनंद के द्वारा अपने समकालीन जिन राज्यों पर अधिकार कर विशाल साम्राज्य का निर्माण करने का उल्लेख मिलता है उनमें इक्ष्वाकु , पांचाल , काशी , हैहय , कलिंग , अश्मक , कुरु , मैथिलि , शूरसेन तथा वीतिहोत्र राज्य प्रमुख हैं।
- महापद्मनंद के द्वारा अपने समकालीन जिन राज्यों पर अधिकार कर विशाल साम्राज्य का निर्माण करने का उल्लेख मिलता है उनमें इक्ष्वाकु , पांचाल , काशी , हैहय , कलिंग , अश्मक , कुरु , मैथिलि , शूरसेन तथा वीतिहोत्र राज्य प्रमुख हैं।
- दशकुमार चरित ' के अष्टम उच्छ्वास के अनुसार अश्मक के राजा ने कुंतल , कोंकण , वनवासि , मुरल , ऋचिक तथा नासिक के राजाओं को विदर्भ नरेश से युद्ध करने के लिए भड़काया , जिससे उन लोगों ने विदर्भ नरेश पर एक साथ ही आक्रमण कर दिया।
- संभवतः दक्षिण भारत में एक कम्बोज देश भी रहा होगा . गरुड़ पुराण में अश्मक, पुलिंद, जिमुता, नरराष्ट्रा, लता और कार्नाटा देशों के आस-पास एक कम्भोज साम्राज्य/रियासत के बारे में बताया गया है, साथ ही विशेष रूप से हमें यह भी बताता है कि कम्बोज के हिस्से भारत के दक्षिणी भाग में रहते थे.
- संभवतः दक्षिण भारत में एक कम्बोज देश भी रहा होगा . [16] गरुड़ पुराण में अश्मक, पुलिंद, जिमुता, नरराष्ट्रा, लता और कार्नाटा देशों के आस-पास एक कम्भोज साम्राज्य/रियासत के बारे में बताया गया है, साथ ही विशेष रूप से हमें यह भी बताता है कि कम्बोज के हिस्से भारत के दक्षिणी भाग में रहते थे.
- मध्य एशिया की वंक्षु नदी के उपरिभाग में स्थित कंबोज जनपद , पश्चिम में सौराष्ट्र का कच्छ जनपद, पूरब में असम प्रदेश का सूरमस जनपद (वर्तमान सूरमा घाटी) और दक्षिण में गोदावरी के किनारे अश्मक जनपद (वर्तमान पेठण) इन चार खूँटों के बीच में सारा भूभाग जनपदों में बँटा हुआ था और लोगों के राजनीतिक और सामाजिक जीवन एवं भाषाओं का जनपदीय विकास सहस्रों वर्षों से चला आता था।
- मध्य एशिया की वंक्षु नदी के उपरिभाग में स्थित कंबोज जनपद , पश्चिम में सौराष्ट्र का कच्छ जनपद, पूरब में असम प्रदेश का सूरमस जनपद (वर्तमान सूरमा घाटी) और दक्षिण में गोदावरी के किनारे अश्मक जनपद (वर्तमान पेठण) इन चार खूँटों के बीच में सारा भूभाग जनपदों में बँटा हुआ था और लोगों के राजनीतिक और सामाजिक जीवन एवं भाषाओं का जनपदीय विकास सहस्रों वर्षों से चला आता था।
- मध्य एशिया की वंक्षु नदी के उपरिभाग में स्थित कंबोज जनपद , पश्चिम में सौराष्ट्र का कच्छ जनपद , पूरब में असम प्रदेश का सूरमस जनपद ( वर्तमान सूरमा घाटी ) और दक्षिण में गोदावरी के किनारे अश्मक जनपद ( वर्तमान पेठण ) इन चार खूँटों के बीच में सारा भूभाग जनपदों में बँटा हुआ था और लोगों के राजनीतिक और सामाजिक जीवन एवं भाषाओं का जनपदीय विकास सहस्रों वर्षों से चला आता था।