अश्लेषा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- नक्षत्रों के स्वामी केतु हैं और ये तमोगुणी हैं | रेवती , अश्लेषा व ज्येष्ठा का स्वामी
- विशाखा , पुष्य , अश्लेषा आदि नक्षत्रों में इसकी साधना विषेष रूप से की जाती है।
- विशाखा , पुष्य , अश्लेषा आदि नक्षत्रों में इसकी साधना विषेष रूप से की जाती है।
- मघा , तथा ज्येष्ठा मूल ये गडांत कहलाते हैं | ज्येष्ठा मूल और अश्लेषा बडे मूल
- अश्विन , अश्लेषा , मघा , जयेष्ठा , मूला और रेवती ये छह गंडमूल नक्षत्र हैं।
- अश्विन , अश्लेषा , मघा , जयेष्ठा , मूला और रेवती ये छह गंडमूल नक्षत्र हैं।
- 27 नक्षत्रों में अश्लेषा नक्षत्र के देवता के रूप में भी सर्प उपस्थिति दर्ज कराते हैं।
- तिसरे चरण में उच्चपद , तथा चोथे चरण में राज्य सम्मान मिलता हैं | अश्लेषा नक्षत्र में
- बुध हैं और ये स्वभाव से रजोगुणी हैं | अतः नक्षत्रों की जोडियाँ रेवती , अश्लेषा ,
- बुध हैं और ये स्वभाव से रजोगुणी हैं | अतः नक्षत्रों की जोडियाँ रेवती , अश्लेषा ,