अहिंसावाद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसी से उनके तथा ' निर्गुणवाद ' वाले और दूसरे संतों के वचनों में कहीं भारतीय अद्वैतवाद की झलक मिलती है तो कहीं योगियों के नाड़ीचक्र की , कहीं सूफियों के प्रेमतत्व की , कहीं पैगंबरी कट्टर खुदावाद की और कहीं अहिंसावाद की।
- आजकल की ताज़ा ख़बरों से मालूम होता है कि समझौते की बातचीत की सफलता के बाद आपने क्रांतिकारी कार्यकर्त्ताओं को फिलहाल अपना आंदोलन बंद कर देने और आपको अपने अहिंसावाद को आजमा देखने का आखिरी मौक़ा देने के लिए कई प्रकट प्रार्थनाएँ की हैं .
- आजकल की ताज़ा ख़बरों से मालूम होता है कि समझौते की बातचीत की सफलता के बाद आपने क्रांतिकारी कार्यकर्त्ताओं को फिलहाल अपना आंदोलन बंद कर देने और आपको अपने अहिंसावाद को आजमा देखने का आखिरी मौक़ा देने के लिए कई प्रकट प्रार्थनाएँ की हैं .
- परम कृपालु महात्मा जी , आजकल की ताज़ा ख़बरों से मालूम होता है कि समझौते की बातचीत की सफलता के बाद आपने क्रांतिकारी कार्यकर्त्ताओं को फिलहाल अपना आंदोलन बंद कर देने और आपको अपने अहिंसावाद को आजमा देखने का आखिरी मौक़ा देने के लिए कई प्रकट प्रार्थनाएँ की हैं.
- ऐसे समय में जब 1857 का स्वतंतत्रा-समर दम तोड़ चुका था तब समर से बुझती चिन्गारी को हवा देने के लिए भारत के समराकाश पर एक सितारा उदय हुआ जिसने अपने तर्कों एवं अहिंसावाद से अंग्रेजों के पांव उखाड़ दिए और जिसे आज संसार गोखले के नाम से जानता है।
- *********************************************************** परम कृपालु महात्मा जी , आजकल की ताज़ा ख़बरों से मालूम होता है कि समझौते की बातचीत की सफलता के बाद आपने क्रांतिकारी कार्यकर्त्ताओं को फिलहाल अपना आंदोलन बंद कर देने और आपको अपने अहिंसावाद को आजमा देखने का आखिरी मौक़ा देने के लिए कई प्रकट प्रार्थनाएँ की हैं .
- सवैंधानिक तरीके के आन्दोलन कहीं समाचार पत्र या टीवी चैनल की एक छोटी सी स्टोरी में गुम हो जाते है फिर उन्हें कोई नहीं पूछता … मुझे ये समझ नहीं आ रहा इस देश के वासी अति अहिंसा वादी या अहिंसावाद के परदे में डरपोक हैं या मरे हुए है ……
- इन नेताओं का निर्माण उस छदम अहिंसावाद से हुआ है जिसने 1962 में चीन के हाथों पराजय झेली थी और बाद में फिर सारों ने बैठकर रोना शुरू किया था , अपने आप ही नही रोये थे बल्कि सारे देश से कहा था-ऐ मेरे वतन के लोगो जरा आंख में भर लो पानी।
- यहां से शुरु हुआ इस “ वाद ” रूपी संक्रामक रोग का सफ़र उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध तक पहुचते-पहुंचते सामन्तवाद , जातिवाद , नस्लवाद , राष्ट्रवाद , अहिंसावाद और न जाने किन-किन वादों की अपनी अनेको मंजिले तय करता हुआ , आज एक्कीसवीं सदी के प्रारम्भिक पडाव मे क्षेत्रीयवाद , स्वायतवाद , स्वतन्त्रतावाद , मार्क्सवाद , मावोवाद और नक्सलवाद तक जा पहुंचा है।
- यहां से शुरु हुआ इस “ वाद ” रूपी संक्रामक रोग का सफ़र उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध तक पहुचते-पहुंचते सामन्तवाद , जातिवाद , नस्लवाद , राष्ट्रवाद , अहिंसावाद और न जाने किन-किन वादों की अपनी अनेको मंजिले तय करता हुआ , आज एक्कीसवीं सदी के प्रारम्भिक पडाव मे क्षेत्रीयवाद , स्वायतवाद , स्वतन्त्रतावाद , मार्क्सवाद , मावोवाद और नक्सलवाद तक जा पहुंचा है।