आख्यात का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- “एकाक्षर” अथवा “अनेकाक्षरों” के समूह पदों को भी संस्कृत की ही तरह चार भागों में विभक्त किया जाता है - नामय , आख्यात, उपसर्ग तथा निपात।
- तुम्हेहि किच्चमातप्पं , अक्खातारो तथागता ॥ धम्मपद २७६, मग्गवग मैं तो मार्ग आख्यात करता हूँ, तुम्हारी मुक्ति के लिये तपना तो तुम्हें ही पडेगा ।
- उसके विविधरूपी सौन्दर्य को आख्यात करने के पहले भारतीय पुरूष ने अपने पार्श्व मेंखड़ी नारी के सौन्दर्य को नहीं देखा होगा , यह मान लेना कठिन है.
- सूत्र के अनुसार जिन कई अक्षरों के अंत में विभक्ति हो वे ही पद हैं और विभक्तियाँ दो प्रकार की होती हैं-नाम विभक्ति और आख्यात विभक्ति।
- इसमें सन्धि , सुबन्त , कृदन्त , उणादि , आख्यात , निपात , उपसंख्यान , स्वरविधि , शिक्षा और तद्धित आदि विषयों का विचार है ।
- इसमें सन्धि , सुबन्त , कृदन्त , उणादि , आख्यात , निपात , उपसंख्यान , स्वरविधि , शिक्षा और तद्धित आदि विषयों का विचार है ।
- ( शब्द के पाँच विभाग हैं- नाम, आख्यात (क्रिया), उपसर्ग, निपात, कर्मप्रवचनीय - वे उपसर्ग या अव्यय, जो क्रियाओं के साथ सम्बद्ध न होकर संज्ञाओं का शासन करते हैं।
- नाम , आख्यात , उपसर्ग और निपात - ये चार आधारभूत तथ्य यास्क ( ई. पू . लगभग 700 ) के पूर्व ही व्याकरण में स्थान पा चुके थे।
- नाम , आख्यात , उपसर्ग और निपात - ये चार आधारभूत तथ्य यास्क ( ई. पू . लगभग 700 ) के पूर्व ही व्याकरण में स्थान पा चुके थे।
- या , हम यूँ भी कह सकते हैं कि उपन्यास का प्रदत्त क्रम उसके आख्यात गाँव के पहले पाठ के परिणामस्वरूप बन गयी एक पगडण्डी मात्र हैं, जिस पर हम चाहें तो नहीं चल सकते हैं.