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आजिज़ी का अर्थ

आजिज़ी अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. अगर नमाज़ का वक्त न हो तो पाक साफ़ होकर अल्लाह से बहुत आजिज़ी और विनम्रता के साथ रहनुमाई की दुआ करके कहीं से भी क़ुरआन खोलकर पढ़ना शुरू कर दिया जाता है , अपनी मुश्किल का हल मिल जाता है।
  2. अगर नमाज़ का वक्त न हो तो पाक साफ़ होकर अल्लाह से बहुत आजिज़ी और विनम्रता के साथ रहनुमाई की दुआ करके कहीं से भी क़ुरआन खोलकर पढ़ना शुरू कर दिया जाता है , अपनी मुश्किल का हल मिल जाता है।
  3. ख्वाज़ा ग़रीब नवाज़ र० अ० यह सुनकर बहुत खुश हुए और बेख़ुद होकर सज्दे में गिर पड़े ! आपने बारगाहे इलाही में बहुत आजिज़ी से अर्ज किया: 'ख़ुदा वन्दा ! जो मेरे सिलसिले में मुरीद हों उनको बख्श दे !' उसी वक़्त आवाज़ आई!
  4. उसके इसरार पर गाइड ने अपने बटुए से अपने मां-बाप की तस्वीर निकाली . “ ओकै ... ओखै ... ज़ैट्स हिज़ फ़ैदा एन ज़ैट्स ज़ा मैदा ... स्वीट ! ... ” टुन्यासिनी देवी की आवाज़ में टाइमपास करने की आजिज़ी और बदतमीज़ी है .
  5. और सब उसके हुज़ूर हाज़िर हुए आजिज़ी ( गिड़गिड़ाते ) करते ( 11 ) { 87 } ( 11 ) यानी क़यामत के रोज़ सब लोग मरने के बाद ज़िन्दा किये जाएंगे और हिसाब के मैदान में अल्लाह तआला के सामने आजिज़ी करते हाज़िर होंगे .
  6. और सब उसके हुज़ूर हाज़िर हुए आजिज़ी ( गिड़गिड़ाते ) करते ( 11 ) { 87 } ( 11 ) यानी क़यामत के रोज़ सब लोग मरने के बाद ज़िन्दा किये जाएंगे और हिसाब के मैदान में अल्लाह तआला के सामने आजिज़ी करते हाज़िर होंगे .
  7. उन्हीं की जाँची हुई कापी के सामने अंकित नंबर को बिल्कुल न छेड़ते हुए आखिरी पृष्ठ के ठीक ऊपर नंबर बढ़ाकर पापा को इस आजिज़ी से दिखा चुकी है कि पप्पा , सर ने सामने करेक्ट नहीं किया क्योंकि काट-पीट हो जाएगी इसलिए यहाँ पीछे लिख दिया है .
  8. - दुनिया में ज़ुल्म के चार असबाब हैं : जिहालत , ज़रुरत , आजिज़ी ( बेबसी ) , बद अख़लाक़ी , लेकिन ख़ुदा वंदे आलम में इन में से कोई एक सबब भी नही पाया जाता लिहाज़ा साबित हो जाता है कि ख़ुदा आदिल ( इंसाफ़ वाला ) है।
  9. - दुनिया में ज़ुल्म के चार असबाब हैं : जिहालत , ज़रुरत , आजिज़ी ( बेबसी ) , बद अख़लाक़ी , लेकिन ख़ुदा वंदे आलम में इन में से कोई एक सबब भी नही पाया जाता लिहाज़ा साबित हो जाता है कि ख़ुदा आदिल ( इंसाफ़ वाला ) है।
  10. पहले तो आजिज़ी से उसने कोई जवाब ही न दिया ; लेकिन जब बार-बार धक्का पड़ने लगा तो आग-बबूला होकर दरवाज़ा खोलते हुए उसने कहा- ' ' नाहक क्यों बार-बार मुझे तंग करने आते हो तुम ? '' बात पूरी करने के पहले ही उसकी नज़र पड़ी- बिहारी खड़ा था।
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