आज्ञप्त का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं की बहस सुनने एवं पत्रावली सव्यय पर उपलब्ध साक्ष्य का विश्लेषण करने के उपरान्त अधीनस्थ न्यायालय द्वारा प्रत्यर्थी / वादी का वाद अपीलार्थी/प्रतिवादीगण के विरूद्व आंशिक रूप से आज्ञप्त किया गया तथा प्रतिवादी संख्या-1 को आदेशित किया गया कि वह वादी को मुव0.23,000-00रूपये एक माह अन्दर अदा करें।
- निर्णय प्रस्तुत दीवानी अपील अपीलार्थी-प्रतिवादी द्वारा विद्धान सिविल जज ( सी0डि0), पौड़ी गढ़वाल द्वारा दी0वाद सं0 15/1999, जानकी प्रसाद बनाम बलवीरसिहं में पारित निर्णय एवं आज्ञप्ति दिनांकित 13-12-2001 के विरूद्ध योजित की गई है जिसके तहत विद्धान विचारण न्यायालय द्वारा उत्तरदाता-वादी का वाद वास्ते 30,000रू0 की वसूली हेतु सव्यय आज्ञप्त किया गया है।
- पुनर्विलोकन के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी गोबिन्द सिंह द्वा रा सिविल जज ( जू0डि0) पिथौरागढ के न्यायालय में एक दीवानी वाद संख्या-03/1988 गोबिन्द सिंह बनाम गणेश दत्त पुनेडा योजित किया गया था, जिसमें अधीनस्थ न्यायालय द्वारा अपने निर्णय एवं आदेश दिनांक 1-9-2004 से वादी का वाद आज्ञप्त किया गया।
- निर्णय प्रस्तुत खफीफा निगरानी निगरानीकर्ता-प्रतिवादी द्वारा विद्धान जज खफीफा / सिविल जज (सी0डि0), पौड़ी द्वारा खफीफा वाद सं0 20/2004, आषुतोष नेगी आदि बनाम शरीफ अहमद में पारित निर्णय एवं डिक्री दिनांकित 6-11-08 के विरूद्ध योजित की गई है जिसके तहत विद्धान जज खफीफा द्वारा उत्तरदाता-वादीगण का वाद वास्ते किराया एवं बेदखली सव्यय आज्ञप्त किया गया है।
- आदेश 7 नियम 3 सी0 पी0 सी0 के अन्तर्गत यदि वाद की विषय-वस्तु स्थावर सम्पत्ति है तो उसकी पहचान तो उसकी पहचान भू-व्यवस्थापन या सर्वेक्षण सम्बन्धी अभिलेख में दिये गयें सांख्यांक व सीमाओं द्वारा की जा सकती है जिसके अभाव में वादग्रसत भूमि पहचान योग्य न होने के कारण वाद आज्ञप्त नहीं हो सकता है।
- निर्णय प्रस्तुत दीवानी अपील अपीलार्थी-प्रतिवादी द्वारा विद्धान सिविल जज ( सी0डि0), पौड़ी गढ़वाल द्वारा दी0वाद सं0 33/2005, श्रीमती सुलोचना देवी आदि बनाम उत्तरांचल पावर कॉरपोरेषन, देहरादून में पारित निर्णय एवं आज्ञप्ति दिनांकित 13-7-2007 के विरूद्ध योजित की गई है जिसके तहत विद्धान विचारण न्यायालय द्वा रा उत्तरदाता-वादीगण का वाद मु0 2,00,000रू0 की क्षतिपूर्ति हेतु सव्यय आज्ञप्त किया गया है।
- निर्णय की तिथि के बाद का कोई ब्याज प्रदान नहीं किया गया है यदि तीन माह के अन्दर मूल धन मय ब्याज अदा कर दिया जाता है अन्यथा भुगतान की तिथि तक ब्याज देय होगा क्योंकि आदेष का प्रथम वाक्य में कि ‘‘वाद सव्यय आज्ञप्त किया जाता है‘‘ उल्लिखित किया गया है और तत्पष्चात एक शर्त जोड़ दी गई है।
- उभय पक्षों को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध मौखिक व दस्तावेजी साक्ष्य का अवलोकन करने के उपरांत अधिनस्थ न्यायालय ने दि0-25-6-08 को निर्णय व आदेश पारित किया कि वादी का वाद उसके पक्ष में आज्ञप्त किया जाता है तथा प्रतिवादी सं0-1 व 2 को आदेशित किया जाता है कि वे निर्णय के 30दिनों के भीतर मुव0-1 , 50,000/- रू0 वादी को प्रदान करे।
- उभयपक्षों को सुनने व पत्रावली का अवलोकन करने के बाद अवर न्यायालय द्वारा वाद आंशिक रूप से आज्ञप्त किया और प्रश्नगत निर्णय से दिनांक 23-7-2004 को धारा-52 सम्पत्ति अंतरण अधिनियम से बाधित होने के कारण राजस्व न्यायालय में चल रहे वाद में निर्णीत / पारित अंतिम डिक्री के अनुसार पुष्ट किया जाना, तब तक प्रश्नगत बैनामा दिनांक 23-7-2004 को निष्प्रभावी रहने के बाबत आदेश पारित किये।
- आक्षेपित निर्णय / आज्ञप्त द्वारा विद्वान अधीनस्थ न्यायालय ने वादी का स्थायी निषेधाज्ञा का वाद बाबत आराजी सं.-117/2, रकबा-एक विस्वा स्थित मौजा बेली उपरहार, परगना व तहसील सदर, जनपद-इलाहाबाद व उसमें स्थित मकान सं.-49सी/2ए, स्टैनली रोड, इलाहाबाद, जिसके पूरब में पटरी स्टैनली रोड, पश्चिम मे लाल भगत सिंह की बाउण्ड्री, उत्तर में पटरी व दक्षिण बलवंत सिंह के मकान को जाने का रास्ता है, निरस्त कर दिया।