आत्मतोष का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- शहरी माहौल से ऊब चुके और प्रकृति प्रेमियों के लिए श्यामपुरा वह आँगन है जहां सेहत और असीम आत्मतोष का मिला-जुला सुकून प्राप्त होता है जिसका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता।
- वह जन्म का दुखियारा मातृ-पितृ हीन और बहन से बिछुडा हुआ चीनी भाई अपने समस्त स्नेह के एकमात्र आधार चीन में आत्मतोष पा गया है , इसका कोई प्रमाण नहीं- पर मेरा मन यही कहता है।
- किसी की दया की पात्र नहीं अपने श्रम की उपलब्धि से गौरवान्वित ! शिकायतों की जगह गहरे आत्मतोष की आभा से दीप्त ! व्यक्तित्व संपन्ना हो जायेगी बसंती ! आज कल उसके दिमाग में बसंती छाई रहती है ।
- मनोरम केलापानी घोटेश्वर शिवालय से पहाडी रास्तों से होकर एक किलोमीटर दूर दुर्गम केलापानी स्थल है जहाँ महाबली भीम के गदा प्रहार से फूट निकला मनोहारी झरना और सघन वनश्री आच्छादित पहाडियाँ असीम आत्मतोष की वृष्टि करती हैं ।
- ये दिल मांगे मोर ' की ' आक्रामक उपभोक्तावादी संस्कृति के बीच यह कैसा आत्मतोष ? अपनी खामोश दुनियां में रहते हैं खड़िया खड़िया आदिवासियों की वह प्रजाति मानी जाती है जो शुरूआती दौर में झारखंड में आई थी .
- अगर आप मेरे ब्लॉग के पिछले पृष्ठों पर जाएँ , तो पिताजी की कुछ रचनाएँ आपको अवश्य पढने को मिल जायेंगी ! प्रेमचंदजी पर लिखा उनका संस्मरण 'कहानी की शक्ति' तो पठनीय है ! मेरा विश्वास है, उसे पढ़कर आपको निश्चय ही आत्मतोष होगा ! आभारी हूँ !साभिवादन-आ.
- और कितना आत्मतोष था उस व्यक्ति के भीतर जिसने बलिदान से पूर्व यह भी कहा कि आज मैं जेल की चहारदीवारी के भीतर बैठकर खेतों , खलिहानों और सड़कों से इंकलाब जिंदाबाद का नारा सुनता हूँ तो लगता है कि मुझे अपनी जिन् दगी की कीमत मिल गई।
- आज से चालीस वर्ष पूर्व ही ( 1962 में ) जब मैं शोध कर रहा था , तब दिनकर की ‘ उर्वशी ' का प्रकाशन हु आ. जब मैं , शोध कार्य करता था तब मैं आत्मतोष के लिए ‘ उर्वशी ' का अंग्रेज़ी अनुवाद करने लगा .
- उसकी बुद्धि उसे आत्मतोष देती है , बहस करने की तमीज सिखाती है , दूसरों को क्या करना चाहिए और क्या न करना चाहिए- इस पर भाषण कराती है और इस संदर्भ के मामले में उनकी अपनी क्या जिम्मेदारी है- इस बेहूदा विचार से उसको कोसों दूर रखती है।
- 17 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में प्रेमाख्यानक काव्यों से इतार , मुस्लिम साहित्यकारों की रुचि मथुरा और वृन्दावन की इश्क़िया फ़िज़ा से जो आध्यात्मिक आत्मतोष की सामग्री प्राप्त कर रही थी , वह श्रृंगारकालीन रीतिबद्ध और रीतिमुक्त काव्यों के बढ़ते रुजहान के साथ , इस दिशा में अग्रसर दिखायी दी।