आधुनिक व्यक्ति का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आखिर अपनी कमजोरियों को छिपाने से कोई कौम बड़ी हो सकती है कभी ? कोईभी वास्तविक तौर पर आधुनिक व्यक्ति का व्यवहार पूर्वआधुनिकों की तुलना में किस मायने में भिन्न कहा जा सकता है ?
- इस प्रकार कामू जहां धार्मिकता के आवरण में छिपे पाखण्डों को उजागर करते हैं वहीं ज्यां बैप्टिस्ट के चरित्र के कथनों के माध्यम से आधुनिक व्यक्ति पर भी प्रहार करते हैं जो बार में बैठकर अपने गुनाह स्वीकार करता है।
- बुद्धि तो एक उपकरण मात्र है यह जनसमुदाय या भीड़ को प्रेरणा नहीं दे सकती है जबकि एक आधुनिक व्यक्ति में श्रद्धा असीम मात्रा में भरी जा सकती है और उस श्रद्धा तथा विशवास के लिए काम करवाया जा सकता है .
- मुझे आशा है कि ये पुस्तक जिसमें गांधी की आस्था और आचरण के केन्द्रीय सिद्धांतों के विषय में उनके अपने ही लेखन से संगत उद्धरणों का संकलन किया गया है , आधुनिक व्यक्ति के मन में गांधी की स्थिति को सुस्पष्ट करने में सहायक सिद्ध होगी।
- मुझे आशा है कि ये पुस्तक जिसमें गांधी की आस्था और आचरण के केन्द्रीय सिद्धांतों के विषय में उनके अपने ही लेखन से संगत उद्धरणों का संकलन किया गया है , आधुनिक व्यक्ति के मन में गांधी की स्थिति को सुस्पष्ट करने में सहायक सिद्ध होगी।
- लेकिन पारम्परिक धर्म के मूल्य नष्ट होने की कौन कहे , लोग धीरे धीरे भूलते जायेंगे कि कोई मूल्य थे भी . हिन्दुस्तान की गर्मी में , मई जून के महीने में आधुनिक व्यक्ति कोट पतलून पहने , टाई बाँधे , तो अब भी देखे जा सकते हैं .
- यह न केवल देश का विभाज-न था अपितु मूल्य के विघटन का चरमोत्कर्षथा , आधुनिक सभ्यता उस बिन्दु पर पहुंची जहां हत्याएं, लूटपाट, रक्तपात और शरणार्थियोंका लम्वा सिलसिला था विभाजन ने साम्प्रदायिक द्वेष, घृणा, आत्मविश्वास के ह्रास कीजो स्थिति उत्पन्न की उससे सभी परम्परागत मूल्य ढह गये और आधुनिक व्यक्ति का संकटआरम्भ हुआ.
- तर्कबुद्धि , वैज्ञानिक चिन्तन , व्यक्ति की आजादी , आत्मप्रश्नेयता ( अर्थात अपने आप से प्रश्न करना ) आदि विशिष्टताओं से लैस एक आधुनिक व्यक्ति के लिए अपनी संस्कृतिगत कमजोरियांे से जूझना जहां स्वाभाविक समझा जा सकता है , वहीं एक पूर्वआधुनिक व्यक्ति के लिए परम्परा की दुहाई देते हुए अपनी कमजोरियों का महिमामण्डन करना अधिक स्वाभाविक लग सकता है।
- पहचान होते ही व्यक्ति की अवस्थिति व्यापक सार्वलौकिक अवस्थिति से एकात्म हो जाती है और हमारी तात्कालिक चिन्ताएँ उस एक चरम चिन्तन में परिणत हो जाती हैं जो कि आधुनिक व्यक्ति के लिए आस्था , विश्वास , धर्म या उसे और जो कुछ भी नाम दे दें उसका पर्याय है-वह ठोस आधारशिला जिस पर वह मूल्यों की इमारत खड़ी करता है-इस आशा के साथ ही कि वे टिकाऊ सिद्ध होंगे।
- हार्ट की मजबूती के लिए मैनें सम्पर्क के सभी लोगों को आयुर्वेदिक फार्मूला बताया था कि भोजन के बाद सर्वप्रथम मूत्र -त्याग करना चाहिए उसके बाद ही जल ग्रहण करना चाहि ए . श ायद ही कोई आधुनिक व्यक्ति इस नियम का पालन करना चाहेगा , जब ई.स ी . जी . , बैलूनिंग आदि उपलब्ध हैं तो क्यों कोई कष्ट उठाये ? आखिरकार एम् . बी . बी . एस . , एम् . डी . , एम् . एस . करने में जो लाखों खर्च करके डा . बने हैं वे बेरोजगार नहीं हो जायेंगे क्या ?