आनंदवर्धन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- लोचन आनंदवर्धन के “ध्वन्यालोक” का प्रौढ़ व्याख्यानग्रंथ है तथा अभिनवभारती , भरत मुनि के नाट्यशास्त्र के पूर्ण ग्रंथ की पांडित्यपूर्ण प्रमेयबहुल व्याख्या है।
- पिताजी ने कहा- " मैं तो उपस्थित रहूँगा ही, लेकिन आपकी कवितायें सुनने की आतुरता और उनका आनंद उठाने की ललक आनंदवर्धन कोअधिक होगी।
- उन्होंने लिखा था- ' ' डायरी का प्रकाशन हो चुका है , इसकी जितनी प्रसन्नता मुझे है , उससे अधिक आनंदवर्धन को होगी।
- आनंदवर्धन ( 9वीं सदी का मध्यकाल ) ने अमरूक के मुक्तकों की चमत्कृति तथा प्रसिद्धि का उल्लेख किया है (ध्वन्यालोक का तृतीय उद्योत)।
- आनंदवर्धन की सम्मति में अमरूक के मुक्तक इतने सरस तथा भावपूर्ण हैं कि अल्पकाय होने पर भी वे प्रबंधकाव्य की समता रखते हैं।
- भामह , डंडी , उद्भट , रुद्रत , वामन , आनंदवर्धन आदि आचार्यों ने रस के प्रति हमेशा समादर भाव व्यक्त किया .
- भामह , डंडी , उद्भट , रुद्रत , वामन , आनंदवर्धन आदि आचार्यों ने रस के प्रति हमेशा समादर भाव व्यक्त किया .
- हर मनुष्य इसे पैदा नहीं कर सकता ! भारत में कवि की तुलना प्रजापति से की गई है ! आनंदवर्धन कहते हैं -
- हर मनुष्य इसे पैदा नहीं कर सकता ! भारत में कवि की तुलना प्रजापति से की गई है ! आनंदवर्धन कहते हैं -
- राजशेखर के ' काव्यमीमांसा ', मम्मट के 'काव्यप्रकाश ', आनंदवर्धन के 'ध्वन्यालोक ', अभिनव गुप्तके 'लोचन ' से पर्याप्त मात्रामें सामग्री ग्रहण की है।