आवाहन करना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इन वैदिक उक्तियों एवं मनु [ 114] तथा विष्णु पुराण [115] की इस व्यवस्था पर कि नाम एवं गोत्र बोलकर ही पितरों का आवाहन करना चाहिए, निर्भर रहते हुए श्राद्धप्रकाश[116] ने यह निष्कर्ष निकाला है कि पिता एवं अन्य पूर्वजों को ही श्राद्ध का देवता कहा जाता है, न कि वसु, रुद्र एवं आदित्य को, क्योंकि इनके गोत्र नहीं होते और पिता आदि वसु, रुद्र एवं आदित्य के रूप में कवल ध्यान के लिए वर्णित हैं।