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इंगला का अर्थ

इंगला अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. इसी प्रकार यदि सूर्य किसी के जन्म नक्षत्र से 25 अंश आगे या पीछे हो तों , क्योकि सूर्य का सम्बन्ध नवीं कशेरुका से होता है , नवीं कशेरुका इंगला नाडी क़ी ही प्रगल्भ वाहिनी होती है .
  2. इंगला की सिद्धि प्राप्त करने वाला सिद्ध व्यक्ति आत्मा और परमात्मा को प्राप्त तो नहीं कर सकता परन्तु शेष में सृष्टि के अन्तर्गत ऐसा कोई कार्य नहीं है जिसको इसके सहारे सफलता पूर्वक इच्छानुसार हल न किया जा सके।
  3. कैसा बीज धरा रे तुने इस घन बन मैं मरीचिका बन ये मरुस्थल इसको हर ले इंगला - पिंगला और कमल सब बंधन में ले माया बन हंस कह मुझको खुद में ले ले ! ! बहुत बेहतरीन रचना !
  4. डॉक्टर दराल जी , जैसा मैं समझ पाया हूँ , मूलाधार ( सीट ) से सहस्रार ( मस्तिष्क ) को जोड़ते मुख्यतः सेंट्रल नर्वस सिस्टम और सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम्स को सुषुम्ना , इंगला , और पिंगला नाडी कहा गया ...
  5. डॉक्टर दराल जी , जैसा मैं समझ पाया हूँ , मूलाधार ( सीट ) से सहस्रार ( मस्तिष्क ) को जोड़ते मुख्यतः सेंट्रल नर्वस सिस्टम और सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम्स को सुषुम्ना , इंगला , और पिंगला नाडी कहा गया ...
  6. योगी-महात्माओं का संगम या त्रिवेणी योग-साधना करने वाले साधक योगी जब साधना करते हैं तो साधना में इंगला रूपी गंगा , पिंगला रूपी यमुना और सुषुम्ना रूपी सरस्वती तीनों प्रसिद्धि प्राप्त नाड़ियों का जहाँ मिलन होता है , वह योगी-महात्माओं का संगम या त्रिवेणी है।
  7. ( 2 ) पिंगला नाड़ी - यह वह नाड़ी है जो इंगला के पूरक के रूप में नाक की दायी तरफ से आज्ञा-चक्र से होते हुये मूलाधार-चक्र तक जाती है तत्पश्चात् स्वाधिष्ठान , मणिपूरक , अनाहत् , विशुद्ध एवं आज्ञा-चक्र में आकर अपने प्रवेश के समय वाली पूर्वावस्था में मिल जाती है।
  8. ( 1 ) इंगला नाड़ी - यह वह नाड़ी है जो नाक की बांयी तरफ से आरम्भ होकर आज्ञा चक्र होते हुये मूलाधार तक जाती है तत्पश्चात् शरीर के स्थूल-सूक्ष्म समस्त नाड़ियों के जालों को बिखेरते और समेटते हुये अंदरूनी रूप से ही स्वाधिष्ठान , मणिपूरक , अनाहत् , विशुद्ध और आज्ञा-चक्र से आकर अपनी प्रवेश वाली नाड़ी में मिल जाती है।
  9. शंख क़ी उत्पत्ति एवं महत्व शंख भगवान विष्णु के सहयोग से देवताओं द्वारा निर्मित वह तांत्रिक अस्त्र है जिसके आरोही एवं अवरोही निनाद से शरीर क़ी तीनो नाड़ियाँ- इंगला , पिंगला एवं सुषुम्ना , अपने ऊपर चढ़े त्रिताप- दैहिक , दैविक एवं भौतिक , के दृढ आवरण का भेदन कर अष्ट सिद्धि एवं नवो निधियों को बल पूर्वक अपने पास खींच लाती हैं .
  10. “ यहीं तो हिन्दुस्तान मार खा गया ” रविश बाबू ! गंगा नदी हर मानव शरीर में प्रतीकात्मक रूप में बह रही है , और उसे आप और हम पढ़े-लिखे किन्तु ' नाड़ी ' कहते हैं , ' सुसुक्ष्मना नाड़ी ' , और मनरूपी मानसरोवर से ही उपजी अन्य दो मुख्य नदियों यमुना और लुप्त सरस्वती / ब्रह्मपुत्र को इंगला और पिंगला नाड़ी ...
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