इकीसवीं का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ए ! इकीसवीं सदी की कविता गवाही दो ! कि सदी के सारे शब्द मार दिए गए हैं और तुम एक शब्द विहीन कविता हो ! तुम एक मौन की कविता हो !
- ए ! इकीसवीं सदी की कविता गवाही दो ! कि सदी के सारे शब्द मार दिए गए हैं और तुम एक शब्द विहीन कविता हो ! तुम एक मौन की कविता हो !
- आदमी को अपना भला-बुरा जो भी करना-सोचना है , वह खुद करे-सोचे . ईश्वर खुद चाहता है कि इकीसवीं शताब्दी में आदमी उसके नाम की बैशाखी के सहारे चलना छोड़ दे . ओमप्रकाश कश्यप
- वे दिन चले गये हैं जब कानून के निर्दयी ढंग या व्याख्या पर बल दिया जाता था- वर्तमान न्यायालयों की उदारता इसका महानतम गुण है और इकीसवीं सदी में आगे बढ़ने के लिए न्यायोन्मुख अवधारणा आज की आवष्यकता है।
- हे ! तप्त मौन की शापित कविता तुम जीवित हो ! मृत शब्दों और घुटी हुई आवाजों के साथ तुम जीवित हो ! ए ! इकीसवीं सदी की कविता गवाही दो ! कि सदी के सारे शब्द मार दिए गए हैं
- हे ! तप्त मौन की शापित कविता तुम जीवित हो ! मृत शब्दों और घुटी हुई आवाजों के साथ तुम जीवित हो ! ए ! इकीसवीं सदी की कविता गवाही दो ! कि सदी के सारे शब्द मार दिए गए हैं
- इकीसवीं शतादी के पहले दशक के दारान भारत में आमूल परिवतन आने का जिक करते हए राटपति ने कहा कि न सिफ भारत में बडे बदलाव आए ह , बकि यह खुद भी विव में बदलाव लाने वाली शति के प में उभरा ह।
- इकीसवीं सदी के पहले दशक में हिंदी बालसाहित्य की स्थिति और चुनौतियां कार्ल मार्क्स कार्ल मार्क्स - वैज्ञानिक समाजवादी कार्ल मार्क्स : पूंजी चार्ल्स फ्यूरियर : समाजवादी चिंतन का पुरोधा टीम अन्ना के नाम खुली चिट्ठी दर्शन दार्शनिक दि कैपीटल धर्म और अभिजन संस्कृति न्याय की अवधा
- साथ में तज्जनित समस्याएं भी . परिणाम यह हुआ है कि इकीसवीं शताब्दी के पहले दशक की समापन बेला की ओर बढ़ते हुए हम सांस्कृतिक , सामाजिक अवमूल्यन , मानवीय मूल्यह्रास , घोर उपभोक्तावाद , पूंजी का अराजक विस्तार और उसकी तानाशाही , समाज के विभिन्न वर्गों के बीच बढ़ती सामाजिक , सांस्कृतिक , आर्थिक भेदभाव की खाई और तज्जनित महानैराश्य का वातावरण देख रहे हैं .