ईश्वरप्रदत्त का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उच्च वर्ग निम्न वर्ग के शोषण को अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझता है और हर प्रकार की ईश्वरप्रदत्त और मानव निर्मित सुख सुविधाओं को अपने लिए , या अपने वर्ग तक सीमित रखने के लिए प्रयत्नशील है।
- यानी ईश्वरप्रदत्त विवेक के हिसाब से कर्म हम करें , कई जन्मों तक उसके फल भी हम ही भोगें , वह हर जन्म में विवेक की वोल्टेज फ्लकच्युयेट करता रहे और उसकी पूजा भी जारी रहे . ये क्या बात हु ई.
- उनका सुंदर स्वरूप , ईश्वरप्रदत्त संगीतात्मक प्रतिभा, चरित्र की पवित्रता, गहरी धार्मिक भावनाएँ, सांसारिक बातों की ओर से उदासीनता, आकस्मिक रहस्यमयी समाधि, और सबके ऊपर उनकी अपने माता-पिता के प्रति अगाध भक्ति इन सबने उन्हें पूरे गाँव का आकर्षक व्यक्ति बना दिया था।
- उनका सुंदर स्वरूप , ईश्वरप्रदत्त संगीतात्मक प्रतिभा, चरित्र की पवित्रता, गहरी धार्मिक भावनाएँ, सांसारिक बातों की ओर से उदासीनता, आकस्मिक रहस्यमयी समाधि, और सबके ऊपर उनकी अपने माता-पिता के प्रति अगाध भक्ति इन सबने उन्हें पूरे गाँव का आकर्षक व्यक्ति बना दिया था।
- अरे , बुरा मान कर भी मैं किसी का क्या उखाड़ लूँगा, उखड़वाने वाली वस्तुयें भी तो, ईश्वरप्रदत्त हमारे ही पास रक्खी है ! ) उई रामाः, मेरे को इन मटकती आँखें से तो, अंतर्मन में एक दूसरी किसिम का ज्ञानोदय अंकुरित होता दिक्खै ।
- उन्होंने कहा , “यह तो ईश्वर पूर्वजन्म के कर्मों के हिसाब से तय करता है.”यानी ईश्वरप्रदत्त विवेक के हिसाब से कर्म हम करें, कई जन्मों तक उसके फल भी हम ही भोगें, वह हर जन्म में विवेक की वोल्टेज फ्लकच्युयेट करता रहे और उसकी पूजा भी जारी रहे.
- नवा काल ' नामक मराठी अखबार में ( एक जनवरी , 1969 ) राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के तत्कालीन सरसंघचालक गोलवलकर का छपा विवादास्पद साक्षात्कार , उसमें जिस बौद्धिक अंदाज में गोलवलकर ने मनुस्मृति को सही ठहराया था और छुआछूत पर टिकी वर्ण जाति को ईश्वरप्रदत्त घोषित किया था , वह बात लोगों को बेहद नागवार गुजरी थी .
- एक लेखकाना शाम शाम हो रही है , जिस काम के लिए पाउंडरूपी पैसे मिलते हैं, वो काम ख़त्म है, ऑफ़िसिआए माहौल में कंप्यूटर के अमूर्त स्क्रीन या किसी ललना के मूर्त नैन निहारने, या फिर ईश्वरप्रदत्त बोलने-सुनने की सुविधा के सहारे परनिंदा-परचर्चा का सुख लेने की उमर रही नहीं - सो बिल्कुल समय पर उस दफ़्तर से स्वयँ को बाहर ढकेल लिया।
- शाम हो रही है , जिस काम के लिए पाउंडरूपी पैसे मिलते हैं , वो काम ख़त्म है , ऑफ़िसिआए माहौल में कंप्यूटर के अमूर्त स्क्रीन या किसी ललना के मूर्त नैन निहारने , या फिर ईश्वरप्रदत्त बोलने-सुनने की सुविधा के सहारे परनिंदा-परचर्चा का सुख लेने की उमर रही नहीं - सो बिल्कुल समय पर उस दफ़्तर से स्वयँ को बाहर ढकेल लिया।
- ऽ , बुरा मान गये क्या ? ( माया महाठगिनी हम जानि , बुरा मान गये क्या ? अरे , बुरा मान कर भी मैं किसी का क्या उखाड़ लूँगा , उखड़वाने वाली वस्तुयें भी तो , ईश्वरप्रदत्त हमारे ही पास रक्खी है ! ) उई रामाः , मेरे को इन मटकती आँखें से तो , अंतर्मन में एक दूसरी किसिम का ज्ञानोदय अंकुरित होता दिक्खै ।