उकडूँ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वे कभी स् टैंड पर कैमरा बैठा कर चित्र खींचते , कभी उकडूँ बैठकर , कभी लेटकर , कभी कुर्सी पर चढ़कर।
- ' ये भी कहाँ जाएँ , बेचारे ! ' -उसकी निगाहें फिर मक्खी उड़ाती उन्हीं उकडूँ बैठी इन्सानी आकृतियों पर पड़ी थी।
- हनुमान जी बहुत बड़े थे , एक हाथ कमर पर, दूसरा सिर पर और एक पैर के नीचे कोई उकडूँ हो कर दबा हुआ।
- पहाड़ियों की आँखें और पसर गयी हैं मुँह और फट गये हैं पीठ उनके और उकडूँ हो गये हैं कंधे और झुक गये हैं
- भय से विस्फारित नेत्रों से उसने देखा था , पगला राधे उसके सामने उकडूँ बैठा उसे असभ्य ढंग से घूरते हुए हँस रहा है .
- हनुमान जी बहुत बड़े थे , एक हाथ कमर पर , दूसरा सिर पर और एक पैर के नीचे कोई उकडूँ हो कर दबा हुआ।
- विधि : तैयार किए हुए यथानिर्दिष्ट पानी के एक या दो ग्लास उत्कटासन में ( उकडूँ ) बैठकर बिना स्वाद लिए जल्दी से पी जाइए।
- “ तो ? … अगर तकलीफ हो रही है तो मैं क्या करूँ ? … क्या यहीं पे … ( मैं बेशर्म हो उकडूँ बैठने को हुआ ) …
- जो इन्हें घेरकर खड़ी हुई हैं या उकडूँ बैठी हुई हैं इनके चेहरों पर वह कोमलता देखो वह ख़ुशी वह हल्का-सा गर्व और उसमें जो गहरा दुख मिला हुआ है
- कुछ खाना मिला तो उकडूँ बैठकर हापुस - हापुस करके गोग्रास में गिलता है और फिर वही आंगन में या गोहाल में जाकर मबेशियों के बीच पडा सो रहता है .