उदान वायु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- और शरीर निर्माण के आवश्यक पञ्चमहाभूत ( क्षिति-अर्थात पार्थिव खनिज लवण , जल , पावक-अग्नि ( जठराग्नि ) , गगन-पाषाण ( कठोर पत्थर-हड्डी या सुधांशु ) , समीर ( प्राण , अपान , व्यान , सामान एवं उदान वायु ) के सम्मिलन एवं बिलगाव अर्थात जन्म एवं मृत्यु के अथेति ( आरम्भ एवं समापन ) पर उस शरीर के द्वारा हुए भले बुरे कर्मो की सूची प्रस्तुत कर देती है .