उपजना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- परन्तु असंतोष उपजना चाहिए जब ज्ञात हो कि स्वयं को जनता का सेवक कहकर वोट मांगने वाले स्वयं और उनके प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र तो ऐश कर रहे हों और शेष जनता अभिशप्त हो ये समस्त समस्याएं झेलने को .
- वाह वाह पारुल जी , बोलने से बंजर उपजना .......क्या सच्ची अनुभूति है ....इसी अहसास ने तो ये रचना लिखवा ली है आपसे ! मुक्त छंद में आप अत्यंत भाव प्रवणता से मुखरित होती हैं ! सुन्दर रचना .................बधाई !
- बंजर जिंदगी को पीछे छोड़ देना बारिश को छूना चाँद बादलों से यारी नंगे पाँव घास पर चलकर ओस से भींग जाना खाना-बदोश और बंजारों के छोड़े गए घरों को देखना खुद को तलाशना उन जैसा हो जाना न होने पर ईर्ष्या का उपजना . ..
- शायद इसी को कहते हैं मजाक मजाक में एक क्रांतिकारी विचार का उपजना , तो आज से चिरकुट, चूतिये, चुतियापे, चुतियापंथी, चिल्लर, चम्पक, लल्लू, पप्पू और उठाईगीर टाइप के शब्दों पर गंभीरता से सोचना शुरू कीजिये पता नहीं इन फालतू टाइप शब्दों से कौन सा क्रांतिकारी विचार पनप जाए....
- सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस विवाद का निपटारा चाहे जैसे किया जाए , हर कोई यह महसूस करेगा कि शीर्ष स्तर के सैन्य अधिकारी की उम्र को लेकर एक तो कोई विवाद उपजना नहीं चाहिए था और यदि वह उपजा तो उसका समाधान सद्भावपूर्ण तरीके से होना चाहिए था।
- जैसे इस कहानी में पति - पत्नी में प्रेम और नम्रता थी , वैसे परमेश्वर के प्रेम और उसके भीतरी गुण , नम्रता को सीखकर , हमारे हृदय में प्रेम और नम्रता उपजना चाहिए , ताकि हम ऐसे मसीही बन सकें जो पूरे विश्व में प्रेम का सुगन्ध फैलाते हैं।
- विदित हो कि चुनाव आयोग के निर्देशन पर प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखने के लिये जिला निर्वाचन अधिकारी को अधिकार दिये गये है और वह अपने अधिनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा उक्त कार्य कर रहे हैं परन्तु खुलेआम उक्त मामले को लेकर होने से अनेक प्रश्र उपजना प्रारंभ हो गये हैं।
- बिलकुल सहज , जैसे बारिश की बूंदें , जैसे फूलों का खिलना , जैसे उत् तरी से दक्षिणी ध्रुव तक हर दौर और हर सभ् यता में एक खास उम्र में आकर हर लड़की और लड़के के मन में प्रेम का उपजना , जैसे सहज रूप से बिल् ली का आकर दूध चट कर जाना।
- शायद इसी को कहते हैं मजाक मजाक में एक क्रांतिकारी विचार का उपजना , तो आज से चिरकुट , चूतिये , चुतियापे , चुतियापंथी , चिल्लर , चम्पक , लल्लू , पप्पू और उठाईगीर टाइप के शब्दों पर गंभीरता से सोचना शुरू कीजिये पता नहीं इन फालतू टाइप शब्दों से कौन सा क्रांतिकारी विचार पनप जा ए. ...
- जिसके पास निर्मल हर्दय है उसमे प्रेम उपजना सहज है यह रस हर प्राणी की संरचना के अनुसार प्राकर्तिक है चाहे इंसान हो या जानवर अर्थात कोई भी प्राणी ! हाँ भगवान् ने इंसान को उसका पालन करने की बुद्दी और इन्द्रियों को वश में करने की शक्ति भी दी है जो और प्राणियों में कम है !